घर में रखे चावल को बेचने को लेकर दोनों के मध्य झगड़ा-विवाद हुआ था
आरोपी महिला बिरसी बाई उम्र 41 साल निवासी चिरोटोली शैला चौकी सोनक्यारी थाना सन्ना के विरूद्ध भा.न्या.सं. की धारा 103(1) का अपराध दर्ज
जशपुर / प्रार्थी मद्रास राम उम्र 50 साल निवासी चिरोटोली शैला ने दिनांक 11.11.2024 को चैकी सोनक्यारी में रिपोर्ट दर्ज कराया कि यह अपने ग्राम में रहकर मजदूरी एवं बांस का सामान बनाने का कार्य करता है, इसके घर के पास में ही इसके छोटे भाई वकील राम उम्र 45 साल का घर है।
दिनांक 10.11.2024 के शाम करीब 07 बजे यह अपने घर में था, इसी दौरान उसके भाई-बहु द्वारा अपने घर में रखे चावल को बेचने को लेकर झगड़ा-विवाद कर रहे थे, ज्यादा आवाज आने पर यह उनके घर के पास जाकर देखा तो इसकी बहु बिरसी बाई अपने पति वकील राम को घर के अंदर से उसके गला में सफेद गमछा को कसा हुआ लपेटकर घसीटते हुये बाहर परछी में निकाली थी। प्रार्थी द्वारा बिरसी बाई को ऐसा करने से मना किया एवं भाई को छूकर देखा तो उसका सांस नहीं चल रहा था, उसकी मृत्यू हो चुकी थी। बिरसी बाई द्वारा गमछा से अपने पति वकील राम के गला में लपेटकर गला घोंटकर हत्या कर दी। प्रार्थी की उक्त रिपोर्ट पर बिरसी बाई के विरूद्ध चौकी सोनक्यारी में भा.न्या.सं. की धारा 103(1) का अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया गया। प्रकरण की आरोपिया बिरसी बाई घटना घटित कर फरार थी।
हत्या की गंभीर अपराध घटित होने पर पुलिस अधीक्षक जशपुर शशि मोहन सिंह द्वारा चौकी सोनक्यारी एवं थाना सन्ना से रात्रि में ही तत्काल 03 टीम गठित कर आरोपिया की पतासाजी हेतु रवाना किया गया, टीम द्वारा लगातार विभिन्न जंगलों एवं संभावित स्थलों में लगातार दबिश दी जा रही थी। पतासाजी दौरान उक्त महिला के एक जंगल में छिपकर रहने की सूचना मुखबीर से मिलने पर जंगल के चारों ओर से दबिश देकर उसे अभिरक्षा में लेकर चौकी में लाया गया। महिला को भूख लगने पर वह जंगल से बाहर निकली थी। बिरसी बाई से पूछताछ में उसके द्वारा उक्त अपराध को घटित करना स्वीकार किया गया एवं उसके कब्जे से घटना में प्रयुक्त कपड़ा गमछा को जप्त किया गया। आरोपी महिला के विरूद्ध अपराध सबूत पाये जाने पर उसे दिनांक 12.11.2024 को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है।
प्रकरण की विवेचना कार्यवाही एवं आरोपिया की गिरफ्तारी में थाना प्रभारी सन्ना उप निरीक्षक बृजेष यादव, चौकी सोनक्यारी प्रभारी स.उ.नि. बालकृष्ण भगत, प्र.आर. 388 विजय खूंटे, प्र.आर. विशाल गुप्ता, आर. विरेन्द्र तेंदुआ, आर. विमलेष्वर एक्का, म.आर. सुनिति एक्का एवं न.सै. शिवशकर रवि का योगदान रहा है।