रायगढ़. पुलिस अधीक्षक दिव्यांग कुमार पटेल के दिशा निर्देशन पर कोतरारोड़ पुलिस ने शाहजहांपुर, उत्तर प्रदेश से एक लापता नाबालिग बालिका को बरामद कर रायगढ़ वापस लाया है। पुलिस ने बालिका को भगाने वाले अपचारी बालक को किशोर न्याय बोर्ड में पेश कर बाल संप्रेषण गृह भेज दिया है।
बालिका की मां ने 12 सितंबर 2024 को कोतरारोड़ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 10 सितंबर को सुबह काम पर जाने के दौरान उसकी बेटी घर से बिना बताए गायब हो गई। मामले में अपराध क्रमांक 300/2024 धारा 137(2) बीएनएस के अंतर्गत एफआईआर दर्ज की गई। जांच के दौरान पता चला कि बालिका को उसके घर के पास रहने वाला एक किशोर बालक भगाकर ले गया था, जो स्वयं भी लापता था।
थाना प्रभारी निरीक्षक त्रिनाथ त्रिपाठी ने संदेही और बालिका के बारे में परिजनों और गवाहों से पूछताछ कर जानकारी जुटाई, जिसमें मालूम हुआ कि दोनों मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश में हो सकते हैं। इस सूचना के आधार पर उपनिरीक्षक कुसुम कैवर्त के नेतृत्व में एक टीम उत्तर प्रदेश रवाना की गई।
मुरादाबाद में पता चला कि संदेही बालक के दोस्त ने कसडोल, जिला बलौदाबाजार की एक अन्य बालिका को भी भगाया है और वे दोनों नाबालिग लड़का-लड़की भी वहां मजदूरी कर रह रहे थे। कसडोल थाना क्षेत्र की गुम बालिका के संबंध में थाना कसडोल में अपराध क्रमांक 380/2024 दर्ज है, कसडोल पुलिस जिनकी खोज बिन पर उत्तर प्रदेश आई हुई थी। जहां कोतरारोड़ और कसडोल पुलिस के काफी प्रयासों के बाद दोनों नाबालिग जोड़े को शाहजहांपुर जिले के खुटार क्षेत्र में पकड़ लिया गया।
कोतरारोड़ पुलिस को बालिका ने अपने बयान में बताया कि आरोपित ने उसे शादी का झांसा देकर भगाया और उसके साथ शारीरिक शोषण किया। मामले में आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट की धारा 87, 69, 65 (1) BNS के तहत कार्यवाही की गई और उसे किशोर न्याय बोर्ड में पेश कर बाल संप्रेषण गृह भेजा गया।
गुमशुदा बालिका की बरामदगी और आरोपी की गिरफ्तारी में एसपी दिव्यांग कुमार पटेल, एडिशनल एसपी आकाश मरकाम, डीएसपी अखिलेश कौशिक के मार्गदर्शन में निरीक्षक त्रिनाथ त्रिपाठी, उपनिरीक्षक कुसुम कैवर्त, आरक्षक चंद्रेश पांडे और आरक्षक शिवा प्रधान की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।