उपज बढ़ाने के लिए किसानों के खेतों की मिट्टी का प्रशिक्षण करके मृदा कार्ड देने के दिए निर्देश
कृषि विभाग, उद्यान विभाग, मछली पालन विभाग और पशुपालन विभाग की समीक्षा बैठक सम्पन्न
जशपुर, 28 मई 2025/ कलेक्टर रोहित व्यास ने मंगलवार को कलेक्टोरेट सभाकक्ष में कृषि विभाग, उद्यान विभाग, मछली पालन विभाग और पशुपालन विभाग की समीक्षा बैठक लेकर किसानों को शासन की विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जशपुर जिले में फल-फूल की खेती के लिए भूमि बहुत ही उपजाऊ है, किसानों को इसका लाभ पहुंचाने के लिए तकनीकी मार्गदर्शन और सहायता देने के निर्देश दिए हैं। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ श्री अभिषेक कुमार और अन्य विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे।
कलेक्टर श्री व्यास ने कृषि विभाग के अधिकारियों को धान के बदले अन्य फसल मूंगफली, दलहन तिलहन, अदरक, हल्दी, मूंग, उड़द सहित अन्य खेती करने के लिए प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की उपज बढ़ाने के लिए उनके खेतों की मिट्टी प्रशिक्षण करके मृदा कार्ड देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा किसानों को तकनीकी मार्गदर्शन देकर बताए कि मिट्टी के अनुसार कौन सी फसल लगाने से ज्यादा ऊपज मिलेगी और कितना खाद व पानी की मात्रा की आवश्यकता पड़ेगी। उन्होंने किसानों को आधुनिक ड्रोन के माध्यम से लिक्विड उर्वरक का छिड़काव कैसे किया जाना है इसकी भी जानकारी देने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने किसानों को ड्रिप सिंचाई और मल्चिंग सीट का उपयोग करके खेती को बढ़ावा देने के निर्देश दिए हैं।
उल्लेखनीय है कि मिट्टी परीक्षण स्वाइल हेल्थ कार्ड किसानों के लिए बहुत लाभदायक है। मिट्टी परीक्षण से खेतों की रासायनिक विश्लेषण है जिससे मिट्टी में पोषक तत्वों की उपलब्धता और अन्य महत्वपूर्ण मापदंडों का पता चलता है, जैसे कि पीएच स्तर और कार्बनिक पदार्थों की मात्रा. यह जानकारी किसानों और बागवानों को सही खाद और उर्वरक का इस्तेमाल करके अपनी फसल और बगीचे की देखभाल करने में मदद करती है।
मिट्टी परीक्षण क्यों जरूरी है, पोषक तत्वों की कमी का पता लगाना:
मिट्टी परीक्षण यह निर्धारित करने में मदद करता है कि मिट्टी में कौन से पोषक तत्वों की कमी है, सही खाद और उर्वरक का चयन परीक्षण के परिणाम के आधार पर आप अपनी मिट्टी के लिए सबसे उपयुक्त खाद और उर्वरक चुन सकते हैं, जिससे आपको बेहतर पैदावार मिल सकती है।
मिट्टी की स्थिति का मूल्यांकन:
मिट्टी परीक्षण से मिट्टी की बनावट, पीएच स्तर और कार्बनिक पदार्थों की मात्रा का पता चलता है, जो मिट्टी की स्वास्थ्य स्थिति का आकलन करने में मदद करता है।
फसल की गुणवत्ता में सुधार:
मिट्टी परीक्षण से आप सही खाद और उर्वरक का इस्तेमाल करके फसल की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं।