जशपुर से बड़ी खबर : तहसीलदार को थप्पड़ मारने और मुख्यमंत्री को ‘पापी’ कहने पर पछताए अनुरंजन भगत, अंतरात्मा की आवाज पर मांगी सार्वजनिक माफी! रेलवे लाइन के विरोध में मंच पर बोले अपशब्द, अब भारत मुक्ति मोर्चा से किया किनारा…देखें विडिओ…!

जशपुर से बड़ी खबर : तहसीलदार को थप्पड़ मारने और मुख्यमंत्री को ‘पापी’ कहने पर पछताए अनुरंजन भगत, अंतरात्मा की आवाज पर मांगी सार्वजनिक माफी! रेलवे लाइन के विरोध में मंच पर बोले अपशब्द, अब भारत मुक्ति मोर्चा से किया किनारा…देखें विडिओ…!

जशपुर, 5 मई 2025 राजनीति के अखाड़े में भाषा का संतुलन कब छूट जाता है, इसका ताजा उदाहरण बने अनुरंजन भगत, जिन्होंने गुस्से में मुख्यमंत्री और तहसीलदार पर शब्दों के हथौड़े चला दिए – लेकिन अब पश्चाताप की अग्नि में जलकर मांग रहे हैं सार्वजनिक माफी!

राजनीति की दुनिया में शब्द तलवार बनते हैं, और जब वह तलवार नियंत्रण से बाहर हो जाए, तो सत्ता की दीवारें भी कांप जाती हैं। पत्थलगांव में भारत मुक्ति मोर्चा के मंच से जो ज्वाला फूटी, उसने न सिर्फ तहसीलदार की गरिमा पर चोट की बल्कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सम्मान को भी ललकार दिया। मंच से ‘दरिद्र’, ‘पापी’ जैसे शब्दों की बौछार ने प्रशासनिक और राजनीतिक हलकों में तहलका मचा दिया। लेकिन… राजनीति की यही गहराई है, जहाँ कभी-कभी गूंजते नारे आत्मग्लानि में बदल जाते हैं!

अनुरंजन भगत, जिनका भाषण सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका था, अब खुद मंच से कही बातों को “नैतिक भूल” मानते हुए मुख्यमंत्री और अधिकारियों से हाथ जोड़कर क्षमा याचना कर रहे हैं। और सबसे बड़ा मोड़ –अब वे भारत मुक्ति मोर्चा से नाता तोड़कर जशपुर के विकास के समर्थन में खड़े हो गए हैं।

जशपुर जिले में आयोजित भारत मुक्ति मोर्चा के 3 मई को पत्थलगांव में हुए कार्यक्रम में उस समय सनसनी फैल गई थी, जब अनुरंजन भगत ने मंच से तहसीलदार को दरिद्र” कहकर उनके गाल पर थप्पड़ मारने की बात कही और साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पापी” तक कह डाला। यह बयान न सिर्फ प्रशासनिक गरिमा पर चोट था, बल्कि राज्य की शीर्ष राजनैतिक मर्यादाओं पर भी आघात माना गया।

लेकिन अब अनुरंजन भगत ने अंतरात्मा की आवाज पर माफी मांगते हुए कहा है,- “मेरे शब्द अनुचित थे। तहसीलदार और मुख्यमंत्री के लिए बोले गए अपशब्दों से मैं खुद आहत हूं। मैं हाथ जोड़कर मुख्यमंत्री और सभी प्रशासनिक अधिकारियों से क्षमा चाहता हूं।”

उन्होंने स्पष्ट किया कि वह पत्थलगांव में कोरबा-जशपुर-लोहरदगा रेलवे लाइन के खिलाफ हो रहे भ्रामक कार्यक्रम में शामिल हुए थे, लेकिन अब वह महसूस करते हैं कि विकास के विरोध में खड़ा होना आत्मघात है। उन्होंने कहा कि भविष्य में वह भारत मुक्ति मोर्चा जैसे संगठनों के कार्यक्रमों में कभी भाग नहीं लेंगे। अनुरंजन भगत ने आगे कहा: मैं चाहता हूं कि जशपुर में रेलवे लाइन आए, विकास हो, युवाओं को रोजगार मिले। मैं अब उस गलती का हिस्सा नहीं बनना चाहता जो क्षेत्र को पीछे ले जा रही है।

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