रायगढ़ । पुलिस अधीक्षक दिव्यांग कुमार पटेल के निर्देशन में गंभीर आपराधिक मामलों की विवेचना में गुणवत्ता सुधारने और आरोपियों को न्यायालय से कठोरतम सजा दिलाने की दिशा में सतत प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में प्रत्येक शनिवार को पुलिस कंट्रोल रूम में एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में शनिवार, 19 अप्रैल को लूट और डकैती विषय पर केंद्रित विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें पुलिसकर्मियों को केस स्टडी के माध्यम से व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया गया।
इस कार्यशाला में मुख्य वक्ता उप पुलिस अधीक्षक श्री सुशांतो बनर्जी, निरीक्षक कमला पुसाम ठाकुर, थाना प्रभारी धरमजयगढ़ और उप निरीक्षक मनीष कांत सिंह (थाना कोतवाली) ने रायगढ़ सहित अन्य जिलों में घटित लूट और डकैती के मामलों का गहन विश्लेषण प्रस्तुत किया। इनमें ऐसे केस शामिल थे जिनमें पुलिस को सफलता मिली, वहीं कुछ मामलों में विवेचना में हुई त्रुटियों के चलते आरोपी न्यायालय से बरी हो गए। कार्यशाला के दौरान इन त्रुटियों पर विस्तार से चर्चा की गई और राजपत्रित अधिकारियों ने विवेचना से जुड़ी सूक्ष्मताओं पर प्रकाश डाला।
जप्त संपत्ति की समय पर बरामदगी, गवाहों के सशक्त कथन, अपराध स्थल का सही निरीक्षण, फोटोग्राफी, विडियोग्राफी और चार्जशीट की मजबूती जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर अधिकारियों ने विस्तार से मार्गदर्शन दिया। इस अवसर पर रायगढ़ मुख्यालय के सभी थाना और चौकी प्रभारी तथा विवेचकगण उपस्थित रहे, जबकि जिले के अन्य तहसीलों के थानों से जुड़े अधिकारी वर्चुअली कार्यशाला में सम्मिलित हुए। कार्यशाला का उद्देश्य पुलिस अधिकारियों को कानूनी रूप से सशक्त बनाना और विवेचना में व्यावहारिक दक्षता प्रदान करना है।