पाटन में कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष को फंसाने पुलिस लेकर गयी शराब.
रायपुर. 08 फरवरी 2025 : प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने पत्रकारों से चर्चा करते हुये कहा कि प्रदेश में पहुंच रही अवैध जहरीली शराब पीने से बिलासपुर जिले के लोफंदी में 8 लोगों की मौत हो गयी और कुछ लोग बीमार भी है, 4 की हालात नाजुक है। इस मौत के लिये साय सरकार और भाजपा जिम्मेदार है।
प्रदेश में चुनाव को प्रभावित करने के लिये सत्ता के संरक्षण में बड़ी मात्रा में दूसरे राज्यों से शराब मंगाई जा रही है। इस पूरे मामले में सरकार का आबकारी विभाग और पुलिस विभाग भी भाजपा का सहयोग कर रहा है। सरकार की जानकारी के बिना राज्य के विभिन्न हिस्सों बाहर से शराब आ ही नहीं सकती। बार्डर चेक-पोस्ट नाके क्या कर रहे है ? प्रदेश में शराब के कारोबार पर पूरा नियंत्रण सरकार का है। बिना सरकार के संरक्षण के राज्य में 1 पाव शराब मिलना संभव नहीं है। प्रदेश में इतनी बड़ी मात्रा में शराब सरकार के द्वारा भाजपा चुनावी संभावना के लिये मंगाया गया है।
बेमेतरा से सिमगा के बीच में बड़ी मात्रा में 1480 पेटी शराब पकड़ाया है। बार्डर से 200 किलोमीटर दूर यहां तक शराब का कंटेनर कैसे आया ?
प्रदेश के सभी वार्डो में शराब पहुंचाने के लिये सरकार के संरक्षण में हजारों पेटी शराब प्रदेश में लाई जा चुकी है। इस अमानक शराब के कारण प्रदेश के लोगों का जीवन संकट में है।
सरकार शराब तो बंटवा रही है, विरोधियों को प्रताड़ित करने भी शराब का सहारा लिया जा रहा है।
दुर्ग जिले के पाटन विधान-सभा क्षेत्र के ग्राम फुंडा में कांग्रेस के ब्लाक अध्यक्ष महेन्द्र वर्मा के फार्म में पुलिस स्वंय शराब की गाड़ी ले जाती है तथा वहां से फर्जी जप्ती बनाया जाता है।
दिनांक 07 फरवरी 2025 की रात्रि लगभग 11:30 बजे भीखम वर्मा के फॉर्म हाउस में एक ट्रक नंबर MP46 H 0513 को पुलिस की सहायता से अंदर लाया गया। लेबर और चौकीदार को लगा था कि टमाटर लोड करने के लिए ट्रक आया है, लेकिन ट्रक के साथ पुलिस वाले भी दिखे। चौकीदार और लेबर का मोबाइल पुलिस ने अपने कब्जे में लेकर कहे कि किसी को नहीं बताना है और फिर पुलिस वाले आला अफसरों और दल बल के साथ फॉर्म हाउस में रात भर रुके रहे और सुबह लगभग 5:00 से 6:00 बजे गाड़ी से फॉर्म हाउस के लेबरों से ही पेटियां उतरवाए और नीचे रखवाए तथा फोटोग्राफी और वीडियो बनवाकर उन्हीं लेबरों से पुनः उसी गाड़ी में पेटियां लोड करवाये, पुलिस वाले ही बताए कि गाड़ी में शराब है। और फिर लगभग़ 11:00 बजे गाड़ी लेकर चले गए। लेबरों का मोबाइल वापस कर दिए। लेकिन उनका कोई बयान भी नहीं लिए। उनको गवाह भी नहीं बनाए। फॉर्म हाउस में भीखम वर्मा या महेंद्र वर्मा नहीं थे। पुलिस वाले से पूछे तो बताए कि पीछा करते हुए आए थे। यदि अवैध परिवहन की जानकारी पुलिस को थी तब पीछा करने के साथ-साथ रास्ते में कही भी पकड़ा जा सकता था। कांग्रेस कमेटी के ब्लॉक अध्यक्ष के पिता के फॉर्म हाउस के अंदर लाने की जरूरत क्या थी ? सिर्फ कांग्रेस पार्टी को बदनाम करने के लिए बीजेपी की यह घिनौनी चाल है। सांसद विजय बघेल का स्टेटमेंट तुरंत आया, उनको 500 पेटियां थी कि जानकारी भी हो गई। जबकि पुलिस वाले काउंटिंग भी नहीं किए थे और उक्त कार्यवाही से हमें अवगत कराये जाये। उक्त घटनाक्रम ब्लॉक कांग्रेस कमेटी पाटन के अध्यक्ष महेन्द्र वर्मा को राजनीतिक षड़यंत्र के तहत बदनाम करने की साजिश प्रतीत हो रही है। इस मामले की शिकायत कांग्रेस ने डीजीपी और चुनाव आयोग से भी की है।
भाजपा नगरी निकाय चुनावों में होने वाले हार से बौखलाकर सत्ता का दुरुपयोग करने पर उतर आई है। उसे पता है कि सरकार के 1 साल के कामों के खिलाफ पूरे प्रदेश में वातावरण है। अतः चुनाव में उनकी हार तय है इसलिए भाजपा अब चुनाव में अलोकतांत्रिक हथकंडे अपना रही है।
भाजपा कांग्रेस के खिलाफ झूठे आरोप-पत्र लेकर आई है।
नगरी निकाय चुनाव में भाजपा को यह पता चल चुका है कि वह चुनाव हार रही है। इसलिए भाजपा सत्ता बल, धन बल और शराब का सहारा लेकर चुनाव को प्रभावित करने में लगी है। भाजपा के नेता झूठे आरोप-पत्र बनाकर जनता में भ्रम फैलाने के काम में लगे है।
भाजपा द्वारा विपक्षी दल कांग्रेस के खिलाफ आरोप पत्र लाया जाना बेशर्मी की पराकाष्ठा है। सत्ता रूढ़ दल के पास जब अपनी उपलब्धि बताने के लिये कुछ नहीं रहता है, तब वह विपक्ष पर आरोप लगाती है।
भाजपा को सरकार में आये एक साल से अधिक हो गये, वे कांग्रेस पर आरोप लगा रहे है जिन आरोपों की बात चुनाव में कर रहे है। उनकी जांच क्यों नहीं कराया ? कोई कार्यवाही क्यों नहीं किया ? यह सारे आरोप बेबुनियाद काल्पनिक और चुनाव हार रही भाजपा का प्रलाप मात्र है।
पत्रकारवार्ता में प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री दीपक मिश्रा, महामंत्री सकलेन कामदार, शिव सिंह ठाकुर, वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर, सलाम रिजवी, नितिन भंसाली, वंदना राजपूत, सत्य प्रकाश सिंह उपस्थित थे।