छत्तीसगढ़ सरकार का सिकल सेल एनीमिया के खिलाफ युद्ध: विशेष शिविरों के माध्यम से रोगियों की पहचान

छत्तीसगढ़ सरकार का सिकल सेल एनीमिया के खिलाफ युद्ध: विशेष शिविरों के माध्यम से रोगियों की पहचान

गर्भवती महिलाओं की सिकल सेल जांच अनिवार्य: स्वस्थ शिशुओं के लिए राज्य सरकार का प्रयास

जशपुर / स्वास्थ्य जीवन की पूंजी है। इसी विश्वास के साथ छत्तीसगढ़ के विष्णुदेव सरकार सभी नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। विष्णु के सुशासन से समृद्ध हो रहा है छत्तीसगढ़। स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य में सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन हेतु विशेष अभियान चलाया जा रहा है।

विष्णुदेव साय ने कहा कि हमर सबक कर सामूहिक जिम्मेदारी कि हमर छत्तीसगढ़ ले ये सिकल सेल बिमारी ला विदा करना है और ओकर बर सब मन लगा के काम करबो।

इस अभियान का उददेश्य राज्य को सिकल सेल जैसे बिमारी से मुक्त कराना और लोगों में इसके प्रति जागरूकता बढ़ाना है। सिकल सेल एक अनुवांशिक रक्त विकार है। इससे अनेक स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होती है।

नोडल अधिकारी स्वास्थ्य जशपुर डॉ. लक्ष्मीकांत आपट ने कहा कि सिकल सेल एक अरक्त की बिमारी है। जिसमें लाल कण्डिका है उनका आकार हस्यिकार हो जाती है। हस्यिकार होने से ये वाहिकाओं में चिपकने लगती है। जिससे मरीज को दर्द होना, सांस लेने में तकलीफ होना, बुखार आना इस तरह की समस्या उत्पन्न होती है।

सिकल सेल वाहक और सिकल सेल रोगी दो प्रकार के होते हैं। सिकल सेल वाहक में गंभीर लक्षण नहीं होते पर यह विकार को अगली पीड़ी में बढ़ाते हैं। इस अभियान के तहत् राज्य में पंचायत, ब्लॉक और जिला स्तर पर विशेष कैंप आयोजित कर 0 से 40 वर्ष के लोगों को संभावित लक्षणों के आधार पर पहचान कर आवश्यक उपचार और दवाई उपलब्ध कराई जा रही है। साथ ही साथ प्रत्येक गर्भवती महिलाओं की सिकल सेल जांच सुनिश्चित की जा रही है। जिससे की जन्म लेने वाला प्रत्येक शिशु स्वस्थ्य और सिकल सेल मुक्त हो।

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