जशपुर के राजमिस्त्रियों ने योजना से सीखी नई तकनीक और काम के तौर-तरीके
जशपुर / राजमिस्त्री का काम कर अपनी जीविका चलाने वाले श्री सुनील कुजूर और बीरबल राम प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के माध्यम से इस काम में उपयोग की जाने वाली आधुनिक तकनीक और तौर-तरीकों को सीखकर काफी खुश हैं। वे बताते हैं की नई तकनीक सीखकर अब अपने काम को बेहतर तरीके से और जल्दी कर पाएंगें। इससे उनके समय की भी बचत होगी और आमदनी में भी इजाफा होगा।
गिरांग के श्री सुनील और ग्राम आरा के श्री बीरबल राजमिस्त्री का काम कर अपना जीविकापार्जन करते हैं। समय के साथ उन्हें महसूस हुआ की बदलते दौर के साथ अपनी उपार्जन क्षमता और आमदनी में इजाफा के लिए नई तकनीक को नहीं सीखा तो वे प्रतिस्पर्धा में पिछड़ सकते हैं। उन्हें जानकारी मिली की भारत सरकार के द्वारा कारीगारों एवं हस्तशिल्पियों के कौशल विकास के लिए प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना चलाई जा रही है। लाइवलीहुड कॉलेज जशपुर से इस योजना के तहत प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिसमें रहने-खाने की सुविधा के साथ टूलकिट और प्रशिक्षण प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है। उन्होंने लाइवलीहुड कॉलेज में प्रशिक्षण प्राप्त किया।
श्री बीरबल ने बताया कि यहां दिए गए ट्रेनिंग में उन्हें काफी कुछ सीखने को मिला है। उन्हें इस काम में आने वाले मशीनी उपकरण, टूलकिटों और इसके संचालन के तौर-तरीकों के बारे में बताया गया है। अब वे इसका उपयोग अपने काम में करेंगे। इसी तरह श्री सुनील कुजूर ने बताया कि लाईवलीहुड कॉलेज में उन्होंने आधुनिक उपकरणों की जानकारी मिली। यहां दी गई ट्रेनिंग का उपयोग कर वे समय की बचत कर सकते है। इससे उनकी आमदनी भी बढ़ेगी।
दोनों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना कारीगरों और शिल्पियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस योजना के माध्यम से न केवल उनके कौशल का विकास हो रहा है, बल्कि उनके जीवन स्तर में भी सुधार हो रहा है।