जशपुर में बच्चों की सुरक्षा को मजबूत करने शिक्षकों को दिया गया प्रशिक्षण, प्रशासन और एनजीओ का संयुक्त प्रयास

जशपुर में बच्चों की सुरक्षा को मजबूत करने शिक्षकों को दिया गया प्रशिक्षण, प्रशासन और एनजीओ का संयुक्त प्रयास

जशपुर / जशपुर जिले में बच्चों के सुरक्षित भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। जिला प्रशासन और अर्पण संस्था के संयुक्त प्रयासों से बाल लैंगिक शोषण के खिलाफ लड़ाई को मजबूत किया जा रहा है। जशपुर जिले के प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों को बाल लैंगिक शोषण के खिलाफ लड़ने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य शिक्षकों को बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल प्रदान करना है।

जशपुर जिला और मुंबई स्थित अर्पण संस्था ने बाल लैंगिक शोषण को रोकने के लिए कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल व जिला शिक्षा अधिकारी की सहायता से अर्पण संस्था प्राथमिक और माध्य‌मिक विद्यालयों में व्यक्तिगत सुरक्षा शिक्षा कार्यक्रम शुरू करने के लिए शिक्षकों की क्षमता निर्माण’ प्रशिक्षण 18 सितम्बर 2024 आयोजित किया गया है। प्रशिक्षण विकास खंड शिक्षा अधिकारी मनोरा संजय कुमार पटेल, सहायक विकास खंड शिक्षा तरुण कुमार पटेल की गरिमामय उपस्थिति में प्रशिक्षण का शुभारंभ किया गया। प्रशिक्षण के साथ, शिक्षक माता-पिता तथा वयस्क भागीदारों के लिए इस विषय पर जागरूकता सत्र आयोजित करेंगे। तथा बच्चों को उनकी आयु अनुसार जानकारी देने में सक्षम होंगे। बच्चों को, इस अभियान से एक सुरक्षित माहौल तैयार करने में मदद मिलेगी।

अर्पण एक पुरस्कार विजेता गैर-सरकारी संस्था (एनजीओ) है। यह मुबई सहित विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त है। यह संस्था भारत की बाल लैंगिक शोषण से मुक्त करने की दिशा में काम कर रही है। ‘अर्पण’ भारत की सबसे बडी गैर-सरकारी संस्था है, जो बच्चों सहित वयस्कों के लिए बाल लैंगिक शोषण पर रोकथाम एंव प्रशिक्षण सेवाएँ उपलब्ध कराती है। सन 2007 से अर्पण’ के कार्यों का प्रभाव 20 लाख बच्चों और वयस्कों पर हुआ है। अभियान के इस चरण में जशपुर जिले के बगीचा जशपुर, मनोरा और कुनकुरी के शिक्षकों के लिए आयोजित किया गया है। प्रशिक्षण बुधवार 18 सितम्बर से 24 सितम्बर 24 तक सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक आयोजित किया गया है।

प्रशिक्षण के विषयः

बाल लैंगिक शोषण का परिचयः

सत्र में बच्चों और बच्चों के अधिकार, बाल शोषण और बाल लैंगिक शोषण के प्रकार, इनके आँकड़े, बाल लैंगिक शोषण के अल्पकालीन और दीर्घकालीन प्रभाव, पॉक्सो अधिनियम और इसके प्रावधानों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।

मीडिया के लिए

लैंगिक शोषण को रोकने के लिए रोकथाम कार्यक्रम ‘व्यक्तिगत सुरक्षा शिक्षा:

6 से 16 साल के बच्यों के लिए कहानी पर आधारित व्यक्तिगत सुरक्षा शिक्षा कार्यक्रम, ऑनलाइन ई-लर्निंग कोर्स का परिचय, रोकथान के पाठों और जीवन कौशल पर आधारित जानकारी देकर बच्चों को सशक्त बनाने के तरीके पर एक प्रसुति दी जाएगी।

बच्चे के खुलासे के मामले को कैसे संभालें?

खुलासे के प्रकार और बाल लैंगिक शोषण के मामले को संभालते समय शिक्षकों की किन कौशलों का इस्तेमाल करना चाहिए, इस पर नवीनतम जानकारी की प्रस्तुति दी जाएगी।

प्रशिक्षण की सफलता हेतु नव उल्लास साक्षरता के प्रभारी श्री विपिन विकास खरे, संकुल समन्ापक प्रेम लाल बर्मन एवं लेखपाल समय शिक्षा नरेन्द्र बघेल जगेश्वर भगत जी प्रशिक्षण में सहयोग प्रदान कर रहे हैं।

इस प्रशिक्षण की संचालित करने में अर्पण संस्था के अनुभवी प्रशिक्षक, आशा खडकर, दिनेश रेग्मी, नंदिनी मजुमदार, अनुष्का कुंडू, नुपुर लांडगे, सयाली जाधव, मिलिंद मुरुडकर, शंकर गवस, प्रशांत गीते और निलय अमृतवे मार्गदर्शन देंगे। इस प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक पूरा करने में एस. सी. ई. आर. टी. छ. ग. रायपुर का महत्पूर्ण योगदान रहा है।

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