कांग्रेस के सुशासन में आम जनता की समृ़द्ध के नये कीर्तिमान रचे, अब बदहाली का दौर
रायपुर/14 दिसंबर 2024। भाजपा सरकार के द्वारा एक साल के रिपोर्ट कार्ड पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि बीते 1 साल के दौरान यह सरकार अपनी योजनाएं तो छोड़िए पूर्ववर्ती सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं को भी दुर्भावना पूर्वक बंद कर दिया है। शिक्षा, स्वास्थ्य रोजगार सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों में साय सरकार नाकाम साबित हुई है। कानून व्यवस्था बद से बदतर हो चुकी है। जिन योजनाओं में बजट प्रावधान किया जा चुका था वह तक खा गए। किसान न्याय योजना की चौथी किस्त और बेरोजगारी भत्ता दिए नहीं, कोई काम किया होता तो अंक मिलते इस सरकार का प्रदर्शन तो नकारात्मक है, आम जनता के द्वारा जन अपेक्षाओं के रिपोर्ट कार्ड में यह सरकार माइंस मार्किंग में पहुंच चुकी है।
प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार ने जनता पर न कोई नया कर लगाया और न ही कर दरों मे कोई वृद्धि की उसके बावजूद जीडीपी वृद्धि दर औसत 8 प्रतिशत रहा। 2018.19 में कुल जीडीपी 3 लाख 25 हजार 644 करोड़ थी जो 2023 में बढ़कर 5 लाख 9 हजार करोड़ हो गयी। अर्थव्यवस्था के तीनो सेक्टर कृषि, सेवा और उत्पादन में राष्ट्रीय औसत से ज्यादा रहा। 2018 में प्रति व्यक्ति आय 84,000 से बढ़कर कांग्रेस की सरकार में 2023 तक 1,33,898 हो गया। कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार ने आम जनता को गाइडलाईन दरो में 30 प्रतिशत की छूट दी थी, छोटे भूखण्डों की रजिस्ट्री आरंभ किया था जिसके चलते रियल एस्टेट फला-फूला, आम जनता के लिए अपने घर का सपना पूरा करने का मौका मिला। भाजपा की सरकार आने के बाद कर्ज पर कर्ज लिए जा रहे हैं लेकिन दिए किसी को कुछ भी नहीं। आयुष्मान कार्ड और रेडी टू ईट भुगतान रोक दिए, लंबित भुगतान के लिए राइस मिलर्स आंदोलित हैं, अनियमित कर्मचारी निकाले जा रहे हैं, ऊपर से 37,000 करोड़ का कर्ज।
प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार में न्याय के नये अध्याय लिखे गए किसान न्याय योजना, भूमिहीन मजदूर न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, बिजली बिल हॉफ योजना में सब्सिडी जैसे योजनाओं से 1 लाख 75,000 करोड़ सीधे हितग्राहियों के खातों में डालें गए। किसानों की कर्जमाफी हुई, सिंचाई कर्ज माफ किया गया, 7.50 लाख वन अधिकार पट्टे बांटे, 8 नये मेडिकल कॉलेज खुले, 1900 वेलनेस सेंटर बने। स्वास्थ्य का इंफ्रास्ट्रक्चर 240 प्रतिशत बेहतर हुआ। हॉट बाजार क्लिनिक, मोहल्ला क्लिनिक, स्लम चिकित्सा योजना, हमर अस्पताल से स्वास्थ्य सेवा जनता की चौखट तक पहुंचा। 1,47,000 शिक्षाकर्मियों का संविलियन शिक्षक के रूप में किया गया, 27,000 शिक्षकों की नियमित पद पर भर्ती, 84,000 से अधिक पदों उच्च शिक्षा, वन, पीडब्ल्यूडी, सिंचाई, महिला बाल विकास, स्वास्थ्य विभागों में सरकारी पदो पर भर्ती की गयी। बेरोजगारी दर ऐतिहासिक तौर पर न्यूनतम रही। अब बदहाली का दौर है। 500 में सिलेंडर 100 दिन में अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने का वादा पूरा किया गया होता तो नंबर पाते, पुरानी व्यवस्था तक चला नहीं पाए तो मूल्यांकन तो ऋणात्मक ही होगा।