संभाग प्रभारी सौरभ सिंह ने कहा – कांग्रेस का यह ‘राज करो और लूट मचाओ’ एजेंडा भूपेश सरकार के कार्यकाल की कलंक गाथा का एक अध्याय, ऐसी कई आपराधिक कलंक कथाएँ और चेहरे लगातार होंगे बेनकाब.
रायपुर. भारतीय जनता पार्टी के रायपुर संभाग प्रभारी सौरभ सिंह ने कहा है कि कांग्रेस के आपराधिक चेहरे लगातार उजागर हो रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी ठगी के आरोपित के.के. श्रीवास्तव के भगोड़ा घोषित होने के मद्देनजर श्री सिंह ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री बघेल को उक्त आरोपी से अपने रिश्तों को सार्वजनिक करना चाहिए। कांग्रेस शासनकाल में न केवल प्रदेश के खजाने में डाका डाला गया, हजारों करोड़ रुपए घपले-घोटाले करके प्रदेश की जनता का हक मारा गया, बल्कि आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को राजनीतिक संरक्षण देकर लूट मचाने की खुली छूट दी गई।
भाजपा संभाग प्रभारी सिंह ने कहा कि 15 करोड़ रुपए की ठगी करके केके श्रीवास्तव और उसका पुत्र कंचन श्रीवास्तव फरार है। पूर्व मुख्यमंत्री बघेल का इस ठग के साथ क्या रिश्ता था, यह जानने का अधिकार पूरे प्रदेश को है, क्योंकि ठगी का यह आरोपी पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के लिए विशेष पूजा-पाठ करता था और इसी कारण बघेल का अक्सर उसके बिलासपुर स्थित निवास में आना-जाना लगा रहता था। पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के अलावा श्रीवास्तव सरकार से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण लोगों के सम्पर्क में भी वह था। भगोड़ा घोषित श्रीवास्तव पर 10 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया गया है। श्री सिंह ने कहा कि भूपेश सरकार के कार्यकाल में मुख्यमंत्री की उप सचिव सौम्या चौरसिया अब तक जेल में है, तत्कालीन कलेक्टर रानू साहू के खिलाफ भूपेश सरकार के ही एक तत्कालीन मंत्री ने मोर्चा खोला था। बघेल को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि कोयला घोटाले में गिरफ्तार सूर्यकांत तिवारी से मिलकर वह क्या साबित करना चाहते थे, जिससे नहीं मिलने दिए जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री काफी बिफर गए थे।
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष श्री शर्मा ने कहा कि यह बेहद हैरान करने वाली बात है कि ठगी के इस आरोपी ने पाँच बैंक खातों, जो ईडब्ल्यूएस मकानों के निवासियों के नाम पर हैं, के जरिए 300 करोड़ रुपए का लेन-देन किया है। बावजूद इसके, तत्कालीन सरकार और उसके प्रशासनिक अधिकारी आँखें मूंदे बैठे रहे। श्री शर्मा ने कहा कि कांग्रेस का यह ‘राज करो और लूट मचाओ’ एजेंडा पिछली भूपेश सरकार के कार्यकाल की कलंक गाथा का एक अध्याय है। ऐसी कई आपराधिक कलंक कथाएँ और चेहरे लगातार बेनकाब होंगे और आईटी जाँच के बाद सींखचों में कैद होंगे।