फर्जी शैक्षणिक दस्तावेज़ से नौकरी पाने का प्रयास – डॉ. प्रिंस जायसवाल की संविदा नियुक्ति तत्काल प्रभाव से समाप्त

फर्जी शैक्षणिक दस्तावेज़ से नौकरी पाने का प्रयास – डॉ. प्रिंस जायसवाल की संविदा नियुक्ति तत्काल प्रभाव से समाप्त

रायपुर, 3 जून 2025 : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, छत्तीसगढ़ ने एक गंभीर कार्रवाई करते हुए डॉ. प्रिंस जायसवाल, वर्तमान में जिला सूरजपुर में कार्यरत प्रभारी जिला कार्यक्रम प्रबंधक (संविदा), की नियुक्ति को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया है। यह कार्रवाई डॉ. जायसवाल द्वारा कथित रूप से फर्जी शैक्षणिक प्रमाणपत्र प्रस्तुत कर संविदा नियुक्ति प्राप्त करने के आरोपों के पुष्टि होने पर की गई है।

शिकायत और जांच का क्रम:

स्वास्थ्य विभाग को डॉ. प्रिंस जायसवाल के दस्तावेजों को लेकर शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसके पश्चात गहन जांच की गई। जांच के मुख्य बिंदु निम्नलिखित रहे:

  1. डॉ. प्रिंस जायसवाल ने RMNCH+A Consultant पद पर आवेदन के साथ साबरमती विश्वविद्यालय (पूर्व में कैलॉक्स टीचर्स यूनिवर्सिटी) से “Master of Public Health (MPH)” की डिग्री संलग्न की थी।
  2. पुलिस अधीक्षक सूरजपुर द्वारा की गई जांच में साबरमती विश्वविद्यालय ने स्पष्ट किया कि डॉ. प्रिंस जायसवाल विश्वविद्यालय के छात्र नहीं रहे हैं तथा प्रस्तुत डिग्री फर्जी और भ्रामक है
  3. कलेक्टर सूरजपुर कार्यालय द्वारा प्राप्त पुष्टिपत्र में भी यही पुष्टि की गई कि प्रिंस जायसवाल का नाम विश्वविद्यालय के रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है, और उनके द्वारा प्रस्तुत डिग्री फर्जी और कूटरचित है।

कारण बताओ नोटिस और जवाब:

19 फरवरी 2025 को डॉ. जायसवाल को तीन दिवस में जवाब प्रस्तुत करने हेतु कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। उन्होंने 30 दिन का समय मांगा और फिर 26 मई को मौखिक रूप से उपस्थित होकर बताया कि उन्होंने संबंधित विषय पर न्यायालय में वाद दायर किया है। हालांकि, उनके द्वारा कोई प्रमाणिक दस्तावेज़ या न्यायालय से स्थगन आदेश प्रस्तुत नहीं किया गया

आखिरी निर्णय और अनुशासनात्मक कार्यवाही:

जांच में दोषी पाए जाने के बाद निम्न निर्णय लिए गए:

  • आदेश क्रमांक 4186 दिनांक 23.02.2024, जिसके अंतर्गत उन्हें जिला कार्यक्रम प्रबंधक (संविदा) नियुक्त किया गया था, तत्काल प्रभाव से निरस्त किया गया है।
  • राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मानव संसाधन नीति-2018 की धारा 34.3 के तहत उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए, एक माह का वेतन देकर संविदा सेवा समाप्त कर दी गई है
  • उनका कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 तथा संविदा सेवा नियम 2012 के उल्लंघन की श्रेणी में भी पाया गया है।

यह आदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, छत्तीसगढ़ के आयुक्त सह मिशन संचालक द्वारा स्वास्थ्य सचिव, छत्तीसगढ़ शासन के अनुमोदन के पश्चात जारी किया गया।

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