जशपुर, 27 मई 2025 : अम्बाकोना पल्ली की स्थापना के सौ साल पूरे होने पर शतवर्षीय जुबली पल्ली प्रांगण में हर्षोल्लास व भव्य ढंग से मनाया गया. इस समरोह में धार्मिक अनुष्ठान के अलावा साँस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए गये. महोत्सव के मुख्य अतिथि तथा अनुष्ठाता रांची महाधर्म प्रांत आर्चबिशप विंसेंट आइन्द थे. अपने प्रवचन संदेश में उन्होंने कहा स्थानीय कलीसिया का विश्वास का सफर लंबा रहा है. विगत 102 वर्षों में ईश्वर से पाये कृपा और अनुग्रह के लिए उन्हें धन्यावाद देने का दिन है. जुबली खुशी का दिन है, पुराने नियम का जिक्र करने हुए उसने आगे कहा उस समय लोग जुबली वर्ष में मालिक के लिए जमीन वापस करते थे, खेतों के बचे फलों को गरीबों के लिए दिया जाता था, दासों को मुक्त किया जाता था, हर कोई ईमानदार बनने के लिए आमंत्रितकिए जाते थे. य़ह पल्ली विगद 102 वर्षों में काफी उतार चढाव देखा है.
प्रारंभिक मिशनरियों ने भले चरवाहे की तरह त्याग भरा कार्य किया है. येसु जो हमारा भाला गाड़िरये है उनके आदर्शों व मिशनरियों से प्रेरणा पाकर औरों के लिए अच्छे चरवाहा बने. इस अवसर पर आर्चबिशप विक्टर हेनरी ठाकुर, ने अपने संबोधन में कहा आप सभी बिश्वास में अडिग बने रहे.बिशप पॉल टोप्पो ने अपने संदेश में कहा हमारे पूर्वजों द्वारा दिए गए धरोहर को हमे बचाए रखना है.प्रोविशयल फ़ादर रंजीत तिग्गा ने येसु संघ द्वारा किए गए कार्यों की सराहना किया.
समारोह की शुरुआत पल्ली नृत्य दल के प्रवेश नृत्य से हुआ .सिस्टर बसंती की अगुवाई में जुबली तुरही फूँकी गयी. तदुपरांत मुख्य अनुष्ठाता द्वारा जुबली झंडा फहराया गया. अतिथियों एवं प्रतिनिधियों द्वारा सौ दीया जलाये गए . फ़ादर अल्बर्ट डेमोनसो के प्रतिमा का अनावरण किया गया. इसी के साथ पारिस परिसर में ग्रोटो का भूमि पूजन भी किया गया. पल्ली पुरोहित फ़ादर यूजीन नगेसिया ने स्वागत संबोधन दिया.
फ़ादर कल्याण मिज़ एस. जे. ने पल्ली का संक्षिप्त इतिहास प्रस्तुत किया. उन्होंने कहा अम्बाकोना पल्ली की स्थापना 1923 में जिया गया. फ़ादर अल्बर्ट डेमोनसो प्रथम पल्ली पुरोहित रहे. इस क्षेत्र मे शिक्षा की शुरुआत 1905 में अजधा गाँव में हो चुका था और कुछ वर्षों बाद अम्बाकोना इलाक़ा मे स्कूल खोले गए. आध्यात्मिक विकास के साथ सामाजिक कार्य किए जाने लगा.अम्बाकोना पारिस से विभाजित हुए सराईटोली, एकाम्बा, बहोरा, घाघारा, मधवा, आजधा। ओरडीह आदि पारिस हैं. बिशप फिलिप एक्का सहित इस पल्ली से तीन बिशप बने है. वर्तमान मे इस पल्ली से 112 पुरोहित और धर्म बहनें विभिन्न स्थानों एवं संस्थाओं में अपनी सेवाएं दे रहे हैं .
रांची महाधर्म प्रांत आर्चबिशप विंसेंट आइन्द के अलावा रायपुर महा धर्म प्रांत के आर्चबिशप विक्टर हेनरी ठाकुर, जशपुर धर्मप्रांत के बिशप एम्मानुएल केरकेट्टा, डालटेनगंज धर्मप्रांत के बिशप थेयोदोर मासकरनस, रायगढ धर्मप्रांत के बिशप पॉल टोप्प, गुमला, अंबिकापुर धर्मप्रांत बिशप अंतोनिस बड़ा, हजारीबाग धर्मप्रांत के बिशप आनंद जोजो, गुमला धर्मप्रांत के बिशप, लिनुस पिंगल एक्का, पूर्णिया धर्मप्रांत के बिशप फ्रांसिस तिर्की, येसु संघ के मध्य प्रदेश प्रोविश के प्रोविशयल फ़ादर रंजीत तिग्गा एस. जे. कपुचीन धर्म के फेडलि प्रोविश के प्रोविशयल फ़ादर हेरमन मिंज, संत अन्ना धर्म संघ प्रोविशयल सिस्टर कुसुम, काफी संख्या में पुरोहितगण, धर्म बहनें, अतिथिगण एवं पल्लीवासि शामिल हुए.
इस महोत्सव के सफल संचालन में जुबली समिति, एवं पल्ली वासियों का अहम भूमिका रहा. फ़ादर निकासियूस कुजूर ने मंच का संचालन किया. धार्मिक गीतों का गायन फादर इरेनियुस तिर्की की अगुवाई पल्ली गायन दल ने किया. इस जुबली समारोह दूसरे सत्र में साँस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी गयी. कार्यक्रम के अंत में जुबली समिति के अध्यक्ष विलियम मिन ने आधार प्रकट किया.