कुनकुरी, 5 मई 2025 / जब सत्ता के नशे में चूर जनप्रतिनिधि कानून को ठेंगा दिखाने लगे, तो सवाल उठता है – क्या लोकतंत्र में चुनी हुई कुर्सी गुंडागर्दी की छूट देती है? कुनकुरी में ऐसा ही एक सनसनीखेज मामला सामने आया, जहां एक ग्राम पंचायत का सरपंच – जो स्वयं को सत्ता से जुड़ा बताता है – ने ट्रैफिक पुलिस से सरेआम बदसलूकी की, वर्दी उतरवाने की धमकी दी और खुद को ‘ऊपर तक संपर्क वाला’ कहकर पूरे सिस्टम को ललकारा।
इस घटना ने न केवल शासन-प्रशासन को सकते में डाल दिया है, बल्कि यह भी उजागर कर दिया है कि किस तरह स्थानीय राजनीति में बढ़ती ‘रसूख की राजनीति‘ अब कानून-व्यवस्था के लिए सबसे बड़ा खतरा बनती जा रही है।
कुनकुरी नगर में सोमवार की सायं कानून और व्यवस्था को ठेंगा दिखाते हुए एक कार सवार व उसके साथी ने ट्रैफिक पुलिस के साथ खुलेआम अभद्रता की। यह घटना बस स्टैण्ड मार्ग पर लगभग 5 से 6 बजे के बीच घटित हुई, जब ट्रैफिक पुलिस द्वारा मार्ग में बाधा डाल रही कार को हटाने के लिए टोका गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, कार चालक और उसका साथी, जिन्हें बाद में नशे की हालत में पाया गया, ट्रैफिक पुलिस से उलझ पड़े और बदसलूकी करने लगे। इस दौरान उन्होंने राजनैतिक रसूख का हवाला देते हुए वर्दी उतरवाने की धमकी तक दे डाली। ट्रैफिक पुलिस द्वारा जब पूरे घटनाक्रम का वीडियो बनाना प्रारंभ किया गया, तो नशे में धुत साथी ने उनका मोबाइल फोन छीनकर सड़क पर फेंक दिया।
घटना की सूचना पर तत्काल पुलिस बल मौके पर पहुंचा और दोनों आरोपियों को थाना लाया गया। प्राथमिक जांच के बाद दोनों को डॉक्टरी परीक्षण के लिए भेजा गया, जिसमें उनके शराब के नशे में होने की पुष्टि हुई है।
कौन हैं आरोपी?
मामले में जो नाम सामने आया है, वह और भी चिंताजनक है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, कार का स्वामी ग्राम पंचायत चटकपुर का सरपंच नवीन साय है, जो घटना के समय अपने साथी दीपक पाठक के साथ कार में मौजूद था। सरपंच पद पर रहते हुए इस तरह की सार्वजनिक व्यवस्था में बाधा और ट्रैफिक पुलिस से दुर्व्यवहार प्रशासनिक मर्यादा को ठेस पहुंचाने वाला मामला है।
प्रशासन सख्त, अग्रीम कार्यवाही शुरू
पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल कार्रवाई प्रारंभ कर दी है। थाने में दोनों आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा यह संकेत दिया गया है कि चाहे आरोपी किसी भी राजनीतिक या प्रशासनिक पद पर क्यों न हो, कानून सभी के लिए समान है और इस मामले में कोई रियायत नहीं बरती जाएगी।