रायपुर/सक्ती, 5 मई 2025 — सुशासन तिहार के तीसरे चरण में आज छत्तीसगढ़ की राजनीति और प्रशासनिक संवेदनशीलता का एक ऐतिहासिक दृश्य सामने आया, जब मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का हेलीकॉप्टर अचानक सक्ती जिले के बंदोरा गांव में उतरा। मुख्यमंत्री के इस आकस्मिक दौरे ने गांव के हर व्यक्ति को चौंका दिया, लेकिन साथ ही उम्मीदों की नई किरण भी जगाई।
मुख्यमंत्री गांव में पीपल के पेड़ के नीचे खाट पर बैठकर ग्रामीणों से सीधा संवाद कर रहे है। चौपाल जैसी बैठक में ग्रामीणों ने खुले दिल से अपनी समस्याएं, योजनाओं से जुड़ी जमीनी सच्चाइयाँ और सरकारी कार्यप्रणाली पर अपना अनुभव साझा किया।
महिलाओं ने की आरती, हल्दी-चावल से किया तिलक
करीगांव पहुंचते ही ग्रामीण महिलाओं ने कमल का फूल भेंट कर, हल्दी-चावल का तिलक लगाकर और पारंपरिक आरती से मुख्यमंत्री का स्वागत किया। यह दृश्य मानो एक जननेता के अपने परिवार में लौटने जैसा प्रतीत हो रहा था।
“मैं यहां सुनने आया हूं, भाषण देने नहीं” — मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने ग्रामीणों से कहा, “मैं आपकी बात सुनने आया हूं। गांव की गलियों से लेकर जनधन योजना, राशन वितरण, स्वास्थ्य, रोजगार—हर पहलू पर फीडबैक चाहिए। जब तक लोगों की आवाज नहीं सुनेंगे, सुशासन अधूरा है।”
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि 31 मई तक चलने वाले समाधान शिविरों में हर ग्रामवासी की समस्या का ठोस निराकरण सुनिश्चित किया जाए।
किसी भी गांव में हो सकती है अगली लैंडिंग!
मुख्यमंत्री के इस आकस्मिक दौरे का सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि कोई नहीं जानता अगला पड़ाव कौन सा गांव होगा। रायपुर से रवाना हुए मुख्यमंत्री किसी भी जिले के किसी भी गांव में हेलीकॉप्टर से पहुंच सकते हैं और आमजन से सीधे संवाद कर सकते हैं।
भावनात्मक क्षणों से भरपूर रहा बंदोरा का दिन
बंदोरा से करीगांव तक ग्रामीणों के बीच मुख्यमंत्री की उपस्थिति एक सामान्य दौरा नहीं, बल्कि एक संवाद, एक भरोसा, और एक नई प्रशासनिक परंपरा की शुरुआत जैसा रहा। महिलाएं, किसान, विद्यार्थी, बुज़ुर्ग—हर वर्ग ने अपने नेता के साथ सहजता से संवाद कर रहे है।