जांच के लिए तय किए गए 112 बिंदु, प्रति माह जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश
अधिकारियों ने हॉस्टल के बच्चों के साथ किया भोजन, वितरित की उपहार सामग्री.
जशपुर / कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल ने नोडल अधिकारियों को जिले में संचालित छात्रावासों में मिल रही सुविधाओं और तमाम व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने हेतु निर्देशित किया है। जशपुर जिले में बालक और बालिकाओं के 211 आश्रम छात्रावास संचालित है। जिसकी जांच के लिए रोस्टर बनाकर 120 नोडल अधिकारियों को प्रत्येक माह छात्रावासों का आकस्मिक निरीक्षण कर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
इसके साथ ही अधिकारियों की छात्रावासों की गुणवत्ता में सुधार हेतु सुझाव देने को कहा गया है। निरीक्षण के लिए 112 प्रश्नों की प्रश्नावली तैयार की गई है। जिसके अंतर्गत उनके द्वारा आश्रम में कर्मचारियों की उपस्थिति, भोजन की गुणवत्ता, रहने की सुविधा, पेयजल व्यवस्था, शौचालय की सफाई, चौकीदार की व्यवस्था, विद्युत व्यव्यस्था, खेल सामग्री की उपलब्धता, शिक्षण की सुविधा सहित अन्य व्यवस्थाओं की जांच की जायगी।
विगत दिनों नोडल अधिकारियों द्वारा प्री मैट्रिक बालक छात्रावास मेंढरबहार, अनुसूचित जाति छात्रावास जशपुर, प्री मैट्रिक बालक छात्रावास लवाकेरा, पहाड़ी कोरवा बालक छात्रावास बालाछापर, एकलव्य आवासीय बालक छात्रावास फरसाबहार, प्रयास आवासीय विद्यालय सह छात्रावास, प्री मैट्रिक बालक छात्रावास बगीचा, प्री मैट्रिक गर्ल्स हॉस्टल जशपुर, प्री मैट्रिक अनूसूचित जनजाति बालक छात्रावास जशपुर, बालक आश्रम कुसुमतोली, पोस्ट एवं प्री मैट्रिक बालक छात्रावास तपकरा, प्री एवं पोस्ट मैट्रिक बालक छात्रावास दुलदुला, प्राथमिक अनुसूचित जनजाति छात्रावास चराईडा़ंड, प्री मैट्रिक कन्या छात्रावास तमता का निरीक्षण किया गया।
निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने छात्रवासों में भोजन कर गुणवत्ता की जांच की, बच्चों से बात कर उन्हें मिल रही सुविधाओं के बारे में जाना। इसके साथ ही अधिकारियों ने बच्चों को खेल सामग्री भी वितरित की। इसके आलावा अधिकारियों ने छात्रावासों के कर्मचारियों को जरूरी सुधार करने और हॉस्टल नियमावली एवं गुणवत्ता का पालन करने हेतु निर्देशित किया।