रायपुर/ जिला मुख्यालय बलौदाबाजार से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम रसेड़ा निवासी श्रीमती गीता बाई ध्रुव एवं उनके पति परदेशी राम ध्रुव के जीवन में एक नया अध्याय तब शुरू हुआ जब उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत अपना पक्का घर मिला। जीवन की कठिनाइयों से लड़ते हुए उन्होंने मजदूरी के सहारे अपने परिवार को पालने की पूरी कोशिश की। तीन बच्चों का पालन-पोषण,घर की जिम्मेदारियाँ और रोज़ी-रोटी की चुनौतियाँ उनके जीवन का हिस्सा थीं। लेकिन इन सबके बीच उनकी सबसे बड़ी चिंता थी एक स्थायी छत और अपने परिवार को बेहतर भविष्य देने की।
सरकारी योजनाओं की मदद से गीता बाई का जीवन अब बदल गया। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उन्हें पक्का मकान मिला जो उनके लिए किसी सपने से कम नहीं था। एक सुरक्षित छत के नीचे रहना,उनके लिए हमेशा एक सपना था जो अब हकीकत बन चुका था। इस मकान में अब वो अपने परिवार के साथ सुकून से जीवन व्यतीत कर रही हैं। गीता बाई को महतारी वंदना योजना के तहत भी सहायता मिल रही है। इस योजना से उन्हें और उनके परिवार को आर्थिक संबल मिल रहा है। जिससे उनकी ज़िंदगी की कठिनाइयाँ कुछ हद तक कम हो गईं। वही प्रधानमंत्री उज्ज्वला गैस योजना के माध्यम से उन्हें रसोई गैस की सुविधा भी मिली हुई है जिससे उनके जीवन को और भी आसान बना दिया है। अब वह लकड़ी के चूल्हे की धुंआ भरी जिंदगी से बाहर आकर अब वे साफ और सुरक्षित तरीके से खाना बना पाती हैं। स्वच्छ भारत मिशन के तहत उन्हें शौचालय की सुविधा भी मिली हुई है,जिससे उनके परिवार को स्वच्छता और सम्मान का अनुभव हुआ।
इस सुविधा ने उनके जीवन की बुनियादी ज़रूरतों को पूरा कर दिया है।गीता बाई और परदेशी राम के तीन बच्चे हैं। दो बेटों की शादी हो चुकी है और उनका बड़ा बेटा हैदराबाद में मेहनत मजदूरी कर रहा है। बाकी दो बेटे उनके साथ गांव में रहते हैं और मिल-जुलकर परिवार का सहयोग करते हैं। अब पूरा परिवार खुशी-खुशी अपना जीवन यापन कर रहा है। गीता बाई कहती हैं,”आज हमारे पास पक्का घर है, गैस चूल्हा है और स्वच्छता का ध्यान रखने वाला शौचालय है। ये सब प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की योजनाओं की वजह से संभव हो पाया है। हम तहे दिल से उनका धन्यवाद करते हैं।” गीता बाई की आँखों में अब उम्मीद और सुकून की चमक है। एक समय था जब जीवन संघर्षों से भरा था,लेकिन आज सरकार की योजनाओं ने उनके जीवन में नई रोशनी भर दी है।