रायपुर/ भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ को चिठ्ठी लिखकर मिथ्या प्रलाप करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर जमकर निशाना साधा है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि भूपेश बघेल के ऐसे कृत्यों से अब यह ‘आईने की तरह’ साफ हो रहा है कि घबराहट, हड़बड़ाह़ट और बौखलाहट में बघेल खुद ही अपने गुनाहों की गवाही दे रहे हैं अन्यथा खुद को निर्दोष और बेदाग बताते नहीं अघा रहे बघेल को इतना विचलित और परेशान होने की कोई आवश्यकता ही नहीं थी।
भाजपा प्रदेश महामंत्री श्री श्रीवास्तव ने कहा कि बघेल का यह कथन बेबुनियाद है कि उन्हें फँसाने की साजिश हो रही है। जब उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है तो कोई कैसे उन्हें फँसा सकता है? आखिर जो संविधान की किताब लहराते उनके आका राहुल गांधी देश-विदेश में घूम रहे हैं, उस संविधान पर तो बघेल को विश्वास होगा। और, जिनको उन्होंने चिठ्ठी लिखी है, उन पर भी उनको विश्वास होगा ही। तो फिर बघेल अब यह चिठ्ठी-चिठ्ठी खेलना और राजनीतिक ड्रामेबाजी करना बंद करें। श्री श्रीवास्तव ने बघेल को नसीहत दी कि अब वह इस बात पर बोलने की हिम्मत दिखाएँ कि उनकी उप सचिव रही सौम्या चौरसिया को पिछले लगभग दो वर्षों से एड़ियाँ रगड़ने के बाद भी जमानत तक क्यों नहीं मिल रही है और क्यों बार-बार जमानत याचिका खारिज हुई है? उस बारे में आज तक एक लफ्ज भी बघेल ने नहीं कहा है! आखिर यह कैसे हो सकता है कि किसी मुख्यमंत्री का उप सचिव भ्रष्टाचार करे और मुख्यमंत्री उसमें संलिप्त न हो, मुख्यमंत्री को इसकी भनक तक न हो! मुख्यमंत्री के तौर पर कभी बघेल ने यह तक नहीं कहा कि अगर उनकी उप सचिव ने कोई भ्रष्टाचार किया है तो उसे उसकी सजा मिले। उल्टे, बघेल तो उनके वकील बनकर पूरे प्रदेश में घूम-घूमकर सौम्या की वकालत कर रहे थे।
भाजपा प्रदेश महामंत्री श्री श्रीवास्तव ने कहा कि बघेल ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री के रूप में अपने दायित्वों का ईमानदारी, निष्ठा और गरिमा से पालन करने की बात कही है। इस पर तीखे सवालों की बौछार करते हुए श्री श्रीवास्तव ने कहा कि अब बघेल यह बताएँ कि उनके कार्यकाल में हजारों करोड़ रुपए के घपले-घोटाले और प्रदेश के खजाने में की गई लूट को क्या वे अपनी ईमानदारी का तमगा मानते हैं? छत्तीसगढ़ को 10, जनपथ का एटीएम बनाकर रख देने वाले बघेल अपनी कौन-सी निष्ठा का पालन कर रहे थे? मुख्यमंत्री के पद पर रहकर सीबीआई को प्रदेश में प्रतिबंधित करके संघीय ढाँचे को चुनौती देकर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आईना भेजकर पद की गरिमा के पालन की कौन-सी परिभाषा बघेल ने गढ़ी थी?