केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री नड्डा की अध्यक्षता में अभियान की समीक्षा के लिए आयोजित वर्चुअल बैठक में शामिल हुए मुख्यमंत्री
छत्तीसगढ़ में 7 दिसंबर से अब तक 11 लाख से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग
प्रदेश में 963 निक्षय शिविर आयोजित
रायपुर 21 दिसम्बर 2024/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जे. पी. नड्डा की अध्यक्षता में ’टीबी मुक्त भारत अभियान’ की प्रगति की समीक्षा के लिए आयोजित वर्चुअल बैठक में शामिल हुए। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत बनाने के लिए शुरू किए गए अभियान के तहत छत्तीसगढ़ में टीबी मरीजों की स्क्रीनिंग, उपचार और निदान के लिए किए जा रहे कार्यो की विस्तार से जानकारी दी। बैठक में छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, विशेष सचिव स्वास्थ्य डॉ. प्रियंका शुक्ला और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रबंध संचालक श्री विजय दयाराम के. उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में टीबी मुक्त भारत अभियान का संचालन पूरी मुस्तैदी के साथ किया जा रहा है। 7 दिसंबर को अभियान की शुरूआत के बाद अब तक 11 लाख 23 हजार 924 लोगों की स्क्रीनिंग की गई है। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी मरीजों के बैंक खातों में पोषण आहार के लिए 1000 रूपए की राशि का भुगतान किया जा रहा है। टीबी मरीजों के पोषण आहार उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश में अब तक 10,447 निक्षय मित्र पंजीकृत हुए हैं। सुकमा जैसे दूरस्थ जिले में सभी 66 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी निक्षय मित्र के रूप में पंजीकृत है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि बस्तर अंचल के तोकापाल क्षेत्र में स्वास्थ्य कर्मी स्थानीय बोली हल्बी में गीत-संगीत के माध्यम से अभियान का व्यापक प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। अभियान के तहत 963 निक्षय शिविर आयोजित किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के निर्देशानुसार तय समय में अभियान के लक्ष्य पूरे किए जाएंगे। अभियान में निजी क्षेत्र की भागीदारी भी सुनिश्चित की जा रही है, जिससे टीबी मरीजों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। निजी क्षेत्र की भागीदारी एवं जन भागीदारी के तहत मॉलबाओ डायग्नोस्टिक्स द्वारा 2 हेंड हेल्ड एक्स-रे मशीन और 2 ट्रू-नॉट मशीन, मोबाइल यूनिट्स में उपयोग किए जा रहे हैं। इस वाहन का उपयोग निक्षय वाहन के रूप में किया जा रहा है।