प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज संस्था अपनी मेहनत से समाज को संस्कारी और सेवाभावी बनाने का कर रही कार्य – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नवनिर्मित ब्रह्माकुमारीज ज्ञान मानसरोवर भवन का किया उद्घाटन

प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज संस्था अपनी मेहनत से समाज को संस्कारी और सेवाभावी बनाने का कर रही कार्य – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नवनिर्मित ब्रह्माकुमारीज ज्ञान मानसरोवर भवन का किया उद्घाटन

– मुख्यमंत्री ने राजनांदगांव की आवश्यकता के लिए 20 लाख रूपए की घोषणा की

– प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज संस्था नि:शुल्क मेडिटेशन से कर रही सच्ची मानवता की सेवा

– प्रदेश के 20 हजार से अधिक श्रीराम भक्तों ने एक वर्ष में श्री रामलला दर्शन योजना का लिया लाभ

रायपुर/राजनांदगांव 08 दिसम्बर 2024। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय आज राजनांदगांव में नवनिर्मित  ब्रह्माकुमारीज ज्ञान मानसरोवर भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह विशेष रूप से उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय एवं विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने राजनांदगांव में नवनिर्मित ब्रह्माकुमारीज ज्ञान मानसरोवर भवन का उद्घाटन किया। उन्होंने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर अतिथि द्वय ने केक भी काटा। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने राजनांदगांव की आवश्यकता के लिए 20 लाख रूपए की घोषणा की। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि राजनांदगांव में भव्य ज्ञान मानसरोवर भवन का शुभारंभ किया गया है। निश्चित रूप से इस क्षेत्र के लोगों को हर दृष्टिकोण से आध्यात्म के क्षेत्र में लाभ होगा। उन्होंने सभी को इसके लिए शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज परिवार के कार्यक्रम में जाने में बहुत अच्छी अनुभूति होती है। उन्होंने बताया कि वे माउंटआबू भी चार बार जा चुके हैं। ब्रह्माकुमारीज परिवार की बहनें जब राखी बांधती हंै, तो गौरव की अनुभूति और खुशी होती है, इसके लिए उन्होंने बहनों को धन्यवाद दिया। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज संस्था अपनी मेहनत से समाज को संस्कारी और सेवाभावी बनाने का कार्य कर रहे है।

      मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि वर्तमान में बहुत भागदौड़ वाला समय है, ऐसे में लोगों को तनाव होना भी स्वभाविक है, ये तनाव केवल परेशान ही नहीं करते बल्कि शारीरिक, मानसिक रूप से भी मनुष्य को कमजोर कर करते है और हर क्षेत्र में मनुष्य कमजोर हो जाता है। इसलिए वह आत्मविश्वास के साथ कार्य करने की हिम्मत भी नहीं जुटा पाता है। ऐसे समय में प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज संस्था द्वारा राज मार्ग, राजयोग का ध्यान बताया गया है, जिससे निश्चित रूप से लाभ मिलता है। अब ध्यान को वैज्ञानिक भी मानने लगे हैं। नियमित रूप से ध्यान करने वाले व्यक्ति शांत और धीर गंभीर होते हैं। खुशी है कि प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज संस्था द्वारा मेडिटेशन का कार्यक्रम चलाया जा रहा है वह दुनिया में लोकप्रिय हो रहा है। हर शहर में छोटी-छोटी जगहों में भी संस्थाएं हैं, वहां पर संस्था द्वारा नि:शुल्क मेडिटेशन सिखाया जा रहा है। यह सच्ची मानवता की सेवा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र संघ को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव दिया और विचार के महत्व को संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा स्वीकारा भी गया। पूरी दुनिया में 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह विश्व में योग को स्थापित करने का श्रेय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को जाता है। उन्होंने कहा कि कोई भी अच्छी सरकार लोगों के विकास की चिन्ता करती ही है, लेकिन अध्यात्मिक कल्याण के लिए लगातार कार्य करना लोगों के हित में होता है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार  ने श्री रामलला दर्शन योजना शुरू की है, जिससे प्रदेश के 20 हजार से अधिक श्रीराम भक्त पिछले एक वर्ष में श्री रामलला दर्शन योजना का लाभ ले चुके हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 5 शक्तिपीठों को जोड़कर तीर्थ यात्रा की शुरूआत की जाएगी।

      विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने राजनांदगांव के नवनिर्मित ब्रह्माकुमारीज ज्ञान मानसरोवर राजयोग मेडीटेशन ट्रेनिंग सेंटर के उद्घाटन के लिए सभी को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारीज पूरी दुनिया में सेवा भाव से कार्य करती है। ब्रह्माकुमारीज निर्लिप्त भाव से सेवा का संकल्प लिया है, जिसके चलते विश्व के 145 देशों में 8000 से अधिक सेवा केन्द्र संचालित है। संयुक्त राष्ट्र संघ और यूनिसेफ जैसे वैश्विक संगठन के साथ मिलकर विश्व शांति के अभियान में ब्रह्माकुमारीज  संस्था कार्य कर रहे हैं। इसके फलस्वरूप ब्रह्माकुमारीज संस्था को संयुक्त राष्ट्रसंघ द्वारा पांच बार शांतिदूत पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। विधानसभा अध्यक्ष ने 2009 में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के रूप में सभी मंत्री एवं सभी विधायकों के साथ ब्रह्माकुमारीज संस्था के राजस्थान राज्य के माउंटआबू में स्थित अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय की यात्रा का स्मरण किया। उन्होंने बताया कि माउंटआबू में मिले आध्यात्मिक शांति को आज भी वे सभी याद करते हैं और उस आध्यात्मिक शांति को शब्दों में बताया नहीं जा सकता है, यह तो वहां जाकर अनुभव किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारीज  बहनें रक्षा बंधन के पर्व पर याद जरूर करते हैं। ब्रह्माकुमारी बहनें पूरी निष्ठा एवं लगन के साथ आध्यात्म के प्रचार-प्रसार के लिए कार्य कर रही हंै।

      डायरेक्टर ब्रह्माकुमारीज अम्बावाड़ी सब जोन अहमदाबाद राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी शारदा दीदी ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह संस्था व्यक्ति के गुण, चरित्र एवं संस्कारों को परिषकृत करती है। यहां आने वाले लोगों के मन में आध्यात्मिक का दीप प्रज्जवलित किया जाएगा। उनमें ज्ञान का प्रकाश प्रदान किया जाएगा। जिसके माध्यम से वे अपनी सभी समस्याओं का समाधान ढूढ पाएंगे। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने एक बार कहा था कि उन्हें यदि 100 ब्रम्हचारी मिल जाएं, तो वे विश्व परिवर्तन कर सकते है। आज इस संस्थान में 12 लाख भाई-बहन ब्रम्हचर्य का पालन करते हैं। अयोध्या में मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम के मंदिर का निर्माण हुआ है और रामराज्य का आगमन होना है। ऐसी स्थिति में इस संस्था द्वारा इस संस्था द्वारा अच्छे आचरण करने वाले लोगों का चारित्रिक विकास किया जाएगा। इस अवसर पर क्षेत्रीय निदेशिका इन्दौर जोन राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी, संचालिका राजयोग सेवा केन्द्र भिलाई क्षेत्र राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी आशा दीदी, संचालिका राजयोग सेवा केन्द्र उज्जैन क्षेत्र राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी उषा दीदी, सांसद श्री संतोष पाण्डेय, अध्यक्ष जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक श्री सचिन बघेल, पूर्व सांसद श्री प्रदीप गांधी, श्री रमेश पटेल, श्री दिनेश गांधी, श्री नीलू शर्मा, श्री संतोष अग्रवाल, आईजी श्री दीपक झा, कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक श्री मोहित गर्ग, वनमंडलाधिकारी श्री आयुष जैन एवं बड़ी संख्या में ब्रह्माकुमारीज संस्था के भाई-बहनें एवं अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

      उल्लेखनीय है कि राजनांदगांव में नवनिर्मित ब्रह्माकुमारीज ज्ञान मानसरोवर राजयोग मेडीटेशन ट्रेनिंग सेंटर है, जो सर्व सुविधाओं से परिपूर्ण है। यहां एक बहुत बड़ा सभागार का निर्माण का निर्माण किया गया है। जिसमें तीन हजार लोगों की बैठने की क्षमता है। यहां प्रतिमाह विभिन्न वर्ग की सेवा हेतु आध्यात्मिक कार्यक्रम होते रहेंगे। साथ ही इस भवन में बहुत बड़ा भोजनालय, रसोईघर तथा कम से कम 300 लोगों की ठहरने के लिए उत्तम आवासीय व्यवस्था भी है। यहां एक बहुत बड़ा ध्यान कक्ष भी बनाया गया है। भविष्य में यहा बहुत सुंदर कलात्मक मूर्तियों से सुसज्जित म्यूजियम तथा एक लेजर शोरूम बनाने की भी योजना है। साथ ही राजनांदगांव शहर के सभी निवासी यहां आध्यात्मिक लाभ ले सकते हैं। ये एक ऐसा स्थल है, जहां दुख, अशांति से परेशान लोग यहां आएंगे और सुख शांति की अनुभूति करेंगे।  

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