छत्तीसगढ़ में सड़क सुरक्षा की समीक्षा बैठक संपन्न :  दुर्घटनाओं में वृद्धि पर जताई गई चिंता, सड़क हादसों पर नियंत्रण के लिए समन्वित प्रयासों पर जोर, राज्य स्तरीय सड़क सुरक्षा समीक्षा में दिए गए ठोस निर्देश.

छत्तीसगढ़ में सड़क सुरक्षा की समीक्षा बैठक संपन्न :  दुर्घटनाओं में वृद्धि पर जताई गई चिंता, सड़क हादसों पर नियंत्रण के लिए समन्वित प्रयासों पर जोर, राज्य स्तरीय सड़क सुरक्षा समीक्षा में दिए गए ठोस निर्देश.

रायपुर : 24 मई 2025 : छत्तीसगढ़ शासन द्वारा सड़क सुरक्षा को लेकर मंत्रालय में आयोजित राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक में दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या पर गहरी चिंता जताई गई। अपर मुख्य सचिव (गृह) श्री मनोज पिंगुआ की अध्यक्षता में हुई बैठक में सभी विभागों को समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए गए। जनवरी से अप्रैल 2025 तक सड़क हादसों में 5.6% की वृद्धि, 2591 मौतें और 4825 लोग घायल हुए। बैठक में ब्लैक स्पॉट्स सुधार, यातायात उल्लंघनों पर सख्त कार्रवाई, स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता, सड़क रोशनी और जागरूकता कार्यक्रमों पर गहन चर्चा की गई।

दिनांक 23 मई 2025 को श्री मनोज पिंगुआ अपर मुख्य सचिव (गृह) छत्तीसगढ़ शासन ने राज्य में सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए सभी संबंधित विभागों को परस्पर समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सबकी सहभागिता से सड़क सुरक्षा के उपायों का बेहतर से बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। मुख्य सड़कों में मिलने वाली ग्रामीण सड़कों के जंक्शन, दुर्घटनाजन्य सड़क खण्डों/ब्लैक स्पॉट्स में प्राथमिकता से आवश्यक सुधारात्मक उपाय समय सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिये गए।

समीक्षा बैठक के प्रारंभ में सचिव परिवहन श्री एस. प्रकाश के प्रारंभिक स्वागत उद्बोधन के उपरांत श्री संजय शर्मा अध्यक्ष अंतर्विभागीय लीड एजेंसी (सड़क सुरक्षा) ने मुख्य सचिव द्वारा दिनांक 07 नवंबर 2024 में समीक्षा बैठक के अनुक्रम में संबंधित विभागों द्वारा संपादित कार्यों तथा अद्यतन स्थिति की जानकारी प्रस्तुत की। प्रदेश में गत 04 माह में 5322 सड़क दुर्घटनाओं 2591 व्यक्ति की मृत्यु एवं 4825 घायलों के साथ जनवरी-अप्रैल 2024 की तुलना में जनवरी-अप्रैल 2025 में सड़क दुर्घटनाओं में 5.6% की वृद्धि, मृत्यु दर 12.5%, तथा घायलों में 10.8% की वृद्धि पर बैठक में चिन्ता व्यक्त की गई। वर्ष 2019-2025 तक चिन्हाकित/लंबित ब्लैक स्पॉट्स में से 69 तथा 101 जंक्शन सुधार, यातायात के नियमों के उल्लंघनकर्ताओं के विरूद्ध पुलिस विभाग द्वारा 3,06,106 प्रकरणों में राशि 11,91,68,800/- रूपये तथा परिवहन विभाग द्वारा 2,80,568 प्रकरणों में राशि 58,34,94,300/-रू. शमन शुल्क वसूल किये गए। इस वर्ष विभिन्न जिलों में गत 48 एवं माननीय सांसदों द्वारा 05 सड़क सुरक्षा समीक्षा बैठक संपन्न हुई है।

सड़क दुर्घटनाओं में घायलों के उपचार हेतु 8 जिलों अस्पताल में सीटीस्कैन की जांच, समस्त जिला अस्पतालों 24×7 एक्सरे/लेबोट्री जांच, इमरजेंसी संबंधित आवश्यक दवाईयां/इन्जेक्शन उपलब्ध, समस्त जिलों के विशेषज्ञ/चिकित्सा/स्टॉफ नर्स/पैरामेडिकल स्टॉफ को प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इस वर्ष शाला सुरक्षा संबंधी प्रशिक्षण में सड़क सुरक्षा से संबंधित यातायात जागरूकता के 1234 कार्यक्रमों में 7,19,000 लाभान्वित हुए है। अंतर्विभागीय लीड एजेंसी सड़क सुरक्षा में स्वास्थ्य सेवाएं, लोक निर्माण विभाग, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, शिक्षा, परिवहन, सामान्य प्रशासन विभागों में कार्यरत योग्य/सेवानिवृत अधिकारियों की संविदा नियुक्ति कर प्रतिनियुक्ति के निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के संबंध में चर्चा की गई। बैठक में अवगत कराया गया कि प्रदेश के 169 नगरीय निकायों में 3,72,406 एलईडी स्ट्रीट लाईट लगाये गये, 1,02,410 अतिरिक्त लाईट्स की स्वीकृति प्रदान की गई। सड़कें पशु मुक्त ना होने से, अवैध साईन बोडर्स के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही ना होने से हो रही सड़क दुर्घटनाए पर नियंत्रण के लिये प्रभावी कार्यवाही के निर्देश दिए गए। पत्।क्ध्मक्।त् में कुल 5388 अधि./कर्म के प्रशिक्षण संपन्न, सड़क दुर्घटनाओं में प्रभावितों के धनरहित उपचार के लिये निर्दिष्ट चिकित्सालयों का आवश्यकतानुसार प्रशिक्षण, घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाने वाले नेक व्यक्तियों/गुड सेमेरिटन को यथाशीघ्र सम्मान राशि प्रदाय करने के निर्देश दिये गये। राज्य में सर्वाधिक सडक दुर्घटनाओं एवं इससे होने वाली मृत्यु एवं घायलों के रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, कोरबा, रायगढ़, बलौदाबाजार, सरगुजा, जगदलपुर(बस्तर) जिलों में दुर्घटनाओं के कारणों की समीक्षा कर कार्ययोजना तैयार कर प्रभावी नियंत्रण के निर्देश दिये गये। अपर मुख्य सचिव द्वारा जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में हिट एण्ड रन प्रकरणों के प्रभावितों को राहत के लिये गठित जिला दावा निपटान समिति को प्रकरणों को निर्धारित समय-सीमा में निराकरण तथा जी.आई.सी के अधिकारियों से संपर्क स्थापित कर दावा निपटान की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिये। मालवाहक वाहक वाहनों में यात्री परिवहन, बिना हेलमेट/सीट बेल्ट, शराब सेवन कर वाहन चलान के विरूद्ध विभिन्न विभागों द्वारा व्यापक जनजागरूकता कार्यक्रम हेतु पहल करने के निर्देश दिए।

श्री संजय शर्मा अध्यक्ष-अंतर्विभागीय लीड एजेंसी(सड़क सुरक्षा) द्वारा पावर पाइंट माध्यम से प्रस्तुतीकरण के दौरान अवगत कराया कि शिक्षा विभाग द्वारा कक्षा पहली से लेकर दसवीं तक के पाठ्यक्रमों में सड़क सुरक्षा विषयक पाठों के परिमार्जन का कार्य पूर्ण हो चुका है, जिसे आगामी शिक्षा-सत्र से लागू करने सहित प्रत्येक शैक्षणिक संस्थानों में रोड़ क्लब गठित कर नियमित गतिविधियों से सड़क सुरक्षा का वातावरण तैयार किया जायेगा। इसी क्रम में अवगत कराया गया कि प्रदेश में दोपहर 03:00 बजे से लेकर रात्रि 09:00 बजे के मध्य शहरी क्षेत्रों की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों में अत्यधिक दुर्घटनाएं हो रही है। इन दुर्घटनाओं में सर्वाधिक दोपहिया वाहन चालक/सवारों की मृत्यु की प्रमुख वजह बिना हेलमेट दोपहिया वाहन चलाना है।

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