हत्या का दोषी संतोष कहार 2006 में पैरोल पर छूटने के बाद हो गया था फरार.
रायगढ़. 17 मई 2025 : चक्रधरनगर पुलिस ने 20 साल से फरार हत्या के दोषी संतोष कहार को गिरफ्तार कर एक बड़ी सफलता प्राप्त की है। वर्ष 2005 में जमीन विवाद में हत्या करने वाले संतोष को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, लेकिन वह 2006 में पैरोल पर छूटने के बाद फरार हो गया था। पुलिस अधीक्षक श्री दिव्यांग पटेल के निर्देश पर चलाए जा रहे फरार वारंटियों की धरपकड़ अभियान के अंतर्गत चक्रधरनगर पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर उसे सक्ती जिले के चिस्दा गांव से गिरफ्तार कर लिया।
एसपी श्री दिव्यांग पटेल द्वारा फरार वारंटियों की धरपकड़ के लिए चलाये जा रहे विशेष अभियान में चक्रधरनगर पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। वर्ष 2005 के हत्या मामले में दोषी करार दिए जा चुके और पिछले 20 वर्षों से फरार चल रहे आरोपी संतोष कहार को पुलिस ने गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। वारंटी संतोष कहार को पुलिस ने उसकी पुश्तैनी जमीन पर लौटने की सूचना के आधार पर सक्ती जिले के चिस्दा गांव से दबोचा।
मामला वर्ष 2005 का है जब ग्राम चिटकाकानी में जमीन विवाद को लेकर संतोष कहार ने सुरेश अग्रवाल की हत्या कर दी थी। आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया, जहां विचारण उपरांत न्यायालय ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। लेकिन वर्ष 2006 में पत्नी के इलाज के बहाने पैरोल पर छूटने के बाद वह फरार हो गया। तब से लेकर अब तक आरोपी लगातार राज्य बदलता रहा और अपने परिवार तक से संपर्क तोड़ लिया था ताकि पुलिस उसे ट्रेस न कर सके। अदालत ने उसकी गिरफ्तारी के लिए स्थायी वारंट जारी किया था।
इस माह पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल द्वारा चलाए जा रहे वारंट तामिली विशेष अभियान के तहत थाना चक्रधरनगर प्रभारी निरीक्षक अमित शुक्ला के निर्देशन में टीम गठित की गई। सहायक उप निरीक्षक आशिक रात्रे के नेतृत्व में पुलिस दल ने गुप्त सूचना के आधार पर छानबीन तेज की और आरोपी की चिस्दा गांव में मौजूदगी की पुष्टि होते ही दबिश देकर उसे गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद आरोपी को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।
इस कार्यवाही में निरीक्षक अमित शुक्ला के नेतृत्व में सहायक उप निरीक्षक आशिक रात्रे, आरक्षक चंद्र कुमार बंजारे, शांति मिरी और मिनकेतन पटेल की महत्वपूर्ण भूमिका रही। 20 वर्षों बाद हत्या के दोषी की गिरफ्तारी को पुलिस की बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।