घरघोड़ा पुलिस ने अपराध क्रमांक 116/2025 धारा 303(2) बीएनएस के अंतर्गत मामला दर्ज कर विवेचना की शुरू, बाद में संगठित अपराध की धारा 112(2) और 3(5) बीएनएस भी जोड़ी गई.
रायगढ़. 13 मई 2025 : रायगढ़ जिले के घरघोड़ा थाना क्षेत्र में रेलवे लाइन से तांबा तार चोरी के मामले में पुलिस ने महज 24 घंटे के भीतर दो नाबालिग सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार कर बड़ी सफलता प्राप्त की है। चोरी गई तार की लंबाई लगभग 74 मीटर और कीमत ₹35,000 आँकी गई है। घटना में कुल्हाड़ी और आरीपत्ती जैसे औजारों का उपयोग किया गया था।
घरघोड़ा थाना पुलिस ने खरसिया-धरमजयगढ़ रेल्वे लाइन से तांबा तार चोरी के मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें दो नाबालिग विधि से संघर्षरत बालक भी सम्मिलित हैं। आरोपियों के कब्जे से लगभग 74 मीटर तांबा तार, जिसकी कीमत करीब ₹35,000 बरामद की गई है, साथ ही चोरी में प्रयुक्त तीन कुल्हाड़ी और एक आरीपत्ती भी जब्त की गई है। सभी आरोपियों को न्यायालय में पेश कर रिमांड पर भेज दिया गया है।
घटना की शिकायत 12 मई को सतीश कुल्लु ने की थी, जो जसबीर सिंह कबेरवाल सेक्योरिटी एजेंसी के माध्यम से छत्तीसगढ़ ईस्ट रेल्वे लिमिटेड में सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि 9 मई की रात 10:00 बजे से 10 मई की सुबह 6:00 बजे के बीच अज्ञात चोरों ने रेलवे पोल नंबर 69/01 से G10/01 के बीच की 100 मीटर विद्युत प्रवाहित तांबा तार चोरी कर ली है। मामले की गंभीरता को देखते हुए घरघोड़ा पुलिस ने अपराध क्रमांक 116/2025 धारा 303(2) बीएनएस के अंतर्गत मामला दर्ज कर विवेचना शुरू की।
पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल के निर्देशन और एसडीओपी धरमजयगढ़ सिद्धांत तिवारी के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी हर्षवर्धन सिंह बैस के नेतृत्व में टीम ने सक्रिय मुखबिरों की मदद से वसीम खान (32 वर्ष) निवासी वार्ड क्रमांक 2 घरघोड़ा और विनोद कुमार भुइँया (35 वर्ष) वार्ड क्रमांक एक कसैया घरघोड़ा को हिरासत में लिया। पूछताछ में दोनों ने जुर्म स्वीकार करते हुए बताया कि उन्होंने तीन अन्य लड़कों के साथ मिलकर चोरी की थी, जिनमें दो नाबालिग भी शामिल हैं। नाबालिगों को भी तलब कर पूछताछ की गई, जिन्होंने अपराध में संलिप्तता स्वीकार की।
आरोपियों के मेमोरेंडम के आधार पर तांबा तार और उपकरण बरामद किए गए। चूंकि आरोपियों ने एक राय होकर संगठित तरीके से अपराध को अंजाम दिया, इसलिए मामले में भारतीय न्यायतंत्र संहिता की संगठित अपराध की धारा 112(2) और 3(5) बीएनएस भी जोड़ी गई है। एक आरोपी फरार है। इस कार्रवाई में सहायक उपनिरीक्षक खेमराज पटेल, प्रधान आरक्षक पारसमणी बेहरा, आरक्षक दिनेश सिदार, आरक्षक प्रह्लाद भगत, आरक्षक प्रेम राठिया, आरक्षक चंद्रशेखर चंद्राकर और आरक्षक कमलेश निराला की अहम भूमिका रही है।