थाना बगीचा क्षेत्रांतर्गत, वर्ष 2002 में अपने साथियों के साथ देशी कट्टे से लूट की घटना को दिया था अंजाम.
लूट का फरार आरोपी, बगीचा क्षेत्र में रहकर कर रहा था, झोला छाप डॉक्टर का काम.
फरारी के बाद सरपंच पति बन कर बनाया था राजनीतिक रसूख, जी रहा था सफेदपोश जिंदगी.
गिरफ्तारी के समय आरोपी अपनी राजनीतिक पहुंच की दे रहा था धौंस, लेकिन पुलिस की सख्ती के सामने हुआ बेबस.
न्यायालय से जमानत मिलने के बाद से ही फरार था आरोपी, न्यायालय ने जारी किया था आरोपी सुहेल के विरुद्ध, स्थाई वारंट.
गिरफ्तार फरार आरोपी का नाम – सुहेल उर्फ शोएब उर्फ गयासुद्दीन अंसारी, उम्र 46 वर्ष निवासी ग्राम आदर, थाना बरडीहा, जिला गढ़वा (झारखंड).
जशपुर. 13 मई 2025 : जशपुर पुलिस ने ऑपरेशन अंकुश के तहत 22 वर्षों से फरार चल रहे शातिर लूट के आरोपी को झारखंड के गढ़वा जिले से गिरफ्तार कर बड़ी सफलता प्राप्त की है। आरोपी सुहेल उर्फ शोएब, जो झोला छाप डॉक्टर बनकर और पत्नी के सरपंच पद की आड़ में सफेदपोश जीवन जी रहा था, उसे जशपुर पुलिस ने पकड़कर जेल भेज दिया है।
गौरतलब है कि जशपुर पुलिस के द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जशपुर श्री शशि मोहन सिंह के नेतृत्व व दिशा निर्देश में ऑपरेशन अंकुश के अंतर्गत पुराने मामलों के फरार आरोपियों की धर पकड़ हेतु विशेष अभियान चलाया गया है। इसी अभियान के अंतर्गत जशपुर पुलिस के द्वारा थाना बगीचा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2002 में लूट के मामले के आरोपी सुहेल उर्फ शोएब उर्फ गयासुद्दीन अंसारी पिता कबीर शेख अंसारी उम्र 46 वर्ष, जो कि माननीय न्यायालय से जमानत मिलने के बाद से ही लगभग 22 वर्षों से फरार था, को गढ़वा (झारखंड) से हिरासत में लेकर वापस लाया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2002 में ग्राम गुरुमहाकोना, थाना बगीचा, निवासी ने थाना बगीचा में रिपोर्ट दर्ज कराया था कि वह दिनांक 17 नवंबर 2002 को अपनी कमांडर जीप क्रमांक CG 15A 0263 से अपने पुत्र व गांव के ही रिश्तेदारों के साथ जशपुर से वापस अपने गांव लौट रहे थे, इसी दौरान थाना बगीचा क्षेत्रांतर्गत एक वेंदो नाला पुलिया के पास सड़क के बीच लकड़ी व पत्थर रखा हुआ देखने पर उनके द्वारा अपनी कमांडर जीप को रोक दिया गया, तभी सड़क की तरफ से तीन लुटेरे आए व देशी कट्टा की नोक पर उनसे मारपीट करते हुए 42 हजार रुपए लूट कर ले गए थे।
रिपोर्ट पर थाना बगीचा में देसी कट्टे की नोक पर लूट व मारपीट के लिए भा.द.वि. की धारा 394, 397 व 25,27 आर्म्स एक्ट के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध कर जांच विवेचना में लिया गया था।
विवेचना के दौरान मामले में सम्मिलित रहे तीन आरोपियों क्रमशः अरुण नायडू, निवासी भागलपुर-जशपुर, नंदलाल, निवासी बांकी टोली-जशपुर व शोएब उर्फ सुहेल उर्फ गयासुद्दीन उस वक्त का पता गुडलु, बादूपारा- बगीचा को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से दो नग देसी कट्टे, कारतूस, तथा लूट की रकम को बरामद कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया था।
इस मामले के आरोपी अरुण नायडू को सात वर्ष की सश्रम सजा सुनाई गई थी तथा दूसरे आरोपी नंदलाल की मृत्यु हो गई है व आरोपी सुहेल अंसारी वर्ष 2003 में माननीय न्यायालय से जमानत मिलने के बाद से फरार था। माननीय न्यायालय के द्वारा आरोपी सुहेल उर्फ शोएब उर्फ गयासुद्दीन अंसारी उम्र 46 वर्ष के विरुद्ध स्थाई वारंटी भी जारी किया गया है।
चूंकि मामले का आरोपी सुहेल अंसारी उस वक्त घूम-घूम कर झोला छाप डॉक्टर का काम करता था, व अपना ठिकाना बदलता रहता था जिसके कारण उसके स्थाई ठिकाने के संबंध में पतासाजी करने में पुलिस को समस्या आ रही थी, परंतु जशपुर पुलिस के अथक प्रयास से व ह्यूमन रिसोर्स के माध्यम से पुलिस को पता चला कि फरार स्थाई वारंटी सुहेल अंसारी, झारखंड राज्य के जिला गढ़वा के ग्राम आदर में है। जिस पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जशपुर श्री शशि मोहन सिंह के द्वारा तत्काल पुलिस टीम गठित कर, फरार आरोपी सुहेल की धर पकड़ हेतु गढ़वा झारखंड रवाना किया गया।
पुलिस जब आरोपी सुहेल अंसारी के ग्राम आदर थाना बरडीहा जिला गढ़वा झारखंड पहुंची तो पाया कि फरार आरोपी सुहेल अंसारी, गांव का एक प्रतिष्ठित व्यक्ति बन चुका है, उसकी पत्नी गांव की सरपंच है, जिस पर जशपुर पुलिस के द्वारा, थाना बरडीहा (झारखंड) पुलिस से सहयोग लेकर, जब आरोपी सुहेल अंसारी को हिरासत में लेने के लिए गई, तो आरोपी सुहेल अंसारी के द्वारा अपनी प्रतिष्ठा व पत्नी के सरपंच पद का धौंस दिखाते हुए, अपनी घर में घुस कर दरवाजा बंद कर, बाहर आने से मना करने लगा, परन्तु पुलिस के कठोर व सख्त रवैए के आगे वह टूट गया।
जशपुर पुलिस के द्वारा आरोपी सुहेल अंसारी को हिरासत में लेकर वापस लाया गया है, तथा स्थाई वारंट तामील करते हुए न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है।
वर्षों से फरार आरोपी स्थाई वारंटी सुहेल उर्फ शोएब उर्फ गयासुद्दीन अंसारी उम्र 46 वर्ष के पतासाजी व गिरफ्तारी में थाना प्रभारी बगीचा निरीक्षक श्री संत लाल आयाम, सहायक उपनिरीक्षक श्री उमेश प्रभाकर, आरक्षक मुकेश पांडेय व आरक्षक उमेश भारद्वाज की सराहनीय भूमिका रही है।
प्रकरण में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जशपुर श्री शशि मोहन सिंह ने बताया कि फरार आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु जशपुर पुलिस ने ऑपरेशन अंकुश चला रखा है, जिसके अंतर्गत लंबे समय से फरार आरोपी को मुखबिर व गढ़वा पुलिस की सहायता से ढूंढ निकाला गया। ऑपरेशन अंकुश के अंतर्गत लंबे समय से फरार कुछ और आरोपी हमारे टारगेट में हैं।