जशपुर नगर, 11 मई 2025 — छत्तीसगढ़ के सुविख्यात श्रीराम कथा वाचक श्री गोकुलानंद पटनायक द्वारा जशपुर नगर में आयोजित एक दिवसीय श्रीराम कथा ने श्रद्धालु जनमानस को भक्ति और भाव की सरिता में सराबोर कर दिया। शहर के हृदयस्थल पर स्थित एक निजी होटल में आयोजित इस भव्य धार्मिक आयोजन में सैकड़ों की संख्या में श्रोता उपस्थित रहे, जहां भगवान श्रीराम के जीवन से जुड़ी दिव्य घटनाओं का श्रवण कर भक्तगण भावविभोर हो उठे।
कथा का प्रारंभ श्रीराम के जन्म, बाल लीलाओं एवं शिक्षा-दिक्षा से हुआ, जिसे अत्यंत सरस वाणी में प्रस्तुत करते हुए श्री पटनायक ने श्रीराम-विवाह, लक्ष्मण-परशुराम संवाद, चौदह वर्षों का वनवास तथा राम वनगमन के दौरान वनवासियों के साथ हुए भेंट प्रसंगों की मार्मिक झांकी प्रस्तुत की। शबरी की प्रतीक्षा, सीता हरण और पवनपुत्र हनुमान जी के त्रिकाल में किए गए अनुपम कार्यों की भी सुंदर व्याख्या ने समूचे वातावरण को भक्तिरस से सिंचित कर दिया।
अपने कथावाचन के दौरान श्री पटनायक ने भावुक होकर स्वर्गीय युवा हृदय सम्राट कुमार दिलीप सिंह जूदेव के साथ बिताए गए पलों को स्मरण किया। उन्होंने जशपुर की रत्नगर्भा धरती को प्रणाम करते हुए इस पुण्यभूमि की महिमा का बखान किया। उन्होंने करपात्री जी महाराज, पूज्यपाद अघोरेश्वर भगवान राम, संत गहिरा गुरु और वनवासी संत बालासाहेब देशपांडे जैसे महान संतों की तपस्या और कार्यों को स्मरण करते हुए बताया कि यह धरती न केवल आध्यात्मिक उन्नति की प्रतीक है, बल्कि युग पुरुष दिलीप सिंह जूदेव जैसे राष्ट्रभक्तों की कर्मभूमि भी रही है।
इस अवसर पर श्री पटनायक ने स्वर्गीय रामचंद मिश्र पौराणिक एवं कुमार दिलीप सिंह जूदेव की स्मृति में दो रुद्राक्ष के पौधों का श्रद्धा से रोपण किया, जिससे यह आयोजन पर्यावरणीय चेतना और आध्यात्मिक समर्पण का संगम बन गया। कार्यक्रम में जिला पंचायत उपाध्यक्ष कुमार शौर्य प्रताप सिंह जूदेव की गरिमामयी उपस्थिति ने श्रद्धालुओं को और अधिक ऊर्जा से भर दिया।
इस आयोजन को सफल बनाने में पंडित द्वारिका मिश्र पौराणिक एवं श्री केदार मिश्र पौराणिक की सक्रिय भूमिका उल्लेखनीय रही। विशेष रूप से मातृशक्ति की बड़ी उपस्थिति ने यह सिद्ध कर दिया कि आज भी सनातन संस्कृति की जड़ें जन-जन के हृदय में गहराई तक विद्यमान हैं। इस प्रेरणादायी आयोजन ने न केवल रामकथा का श्रवण कराया, बल्कि जशपुर की धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक चेतना को भी एक नवीन ऊँचाई प्रदान की।