जिला पंचायत मुख्य सीईओ ने प्रगतिशील कृषकों की ली बैठक, फसलों का उत्पादन बढ़ाने के साथ आय वृद्धि पर की गई कृषकों से की गई चर्चा
उद्यानिकी फसलों से धान की अपेक्षा दस गुना अधिक हुआ लाभ – बिरबल भगत
जशपुर. 05 मई 2025 : जशपुर जिले में खेती को लाभकारी और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से जिला पंचायत सीईओ अभिषेक कुमार ने प्रगतिशील कृषकों के साथ बैठक की। बैठक में कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने राष्ट्रीय कृषि बागवानी मिशन, हाइटेक नर्सरी, शेडनेट, कोल्ड स्टोरेज, आदि योजनाओं की जानकारी दी। किसानों को धान की जगह मिर्च, फूल और अन्य नकदी फसलों की खेती अपनाकर आय में वृद्धि के लिए प्रेरित किया गया। कई किसानों ने अनुभव साझा करते हुए बताया कि उद्यानिकी से उन्हें धान की तुलना में दस गुना तक ज्यादा आमदनी हो रही है।
जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी अभिषेक कुमार के द्वारा रविवार को जिला पंचायत सभाकक्ष में जिले के उन्नतशील कृषकों के साथ परिचर्चा हेतु बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी सम्मिलित हुए। जिसमें प्रगतिशील कृषकों को कृषि एवं उद्यान विभाग की ओर से संचालित प्रमुख योजनाओं की जानकारी देते हुए कृषकों को इसका लाभ लेने हेतु प्रेरित किया गया।
इस दौरान विभागीय अधिकारियों ने कृषकों से धान के बदले अन्य लाभदायक फसलों एवं उद्यानिकी विभाग की विभिन्न योजनाओं जैसे राष्ट्रीय कृषि बागवानी मिशन अंतर्गत हाईटेक नर्सरी, शेडनेट, कोल्ड स्टोरेज इत्यादि की जानकारी देते हुए उन्हें अपना कर आय में वृद्धि के लिए प्रेरित किया गया। अधिकारियों द्वारा योजना के लाभ लेने हेतु आवेदन प्रक्रिया के संबंध में जानकारी प्रदान की गई। जिला पंचायत सीईओ ने जिले में कृषकों को आने वाली समस्याओं पर चर्चा करते हुए समाधान हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया। इस परिचर्चा कार्यक्रम में कृषकों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हुए अपनी कृषि के संबंध में विभिन्न जानकारियां साझा की। जिसमें ग्राम शैला के प्रगतिशील किसान बिरबल राम भगत, ग्राम पंचायत कeरडीह के गणेश भगत, प्रसन्न एक्का आदि उपस्थित रहे।
उद्यानिकी फसलों से धान की अपेक्षा दस गुना अधिक हुआ लाभ – बिरबल भगत
विकासखण्ड मनोरा के प्रगतिशील किसान बिरबल भगत ने अपना अनुभव किसानों के मध्य साझा करते हुए कहा कि पहले वो धान की खेती किया करते थे, किन्तु सीमित आमदनी ही हो पाती थी। तब उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने उनसे संपर्क किया और उन्हें अन्य फसलों के द्वारा अधिक लाभ अर्जन की जानकारी दी गयी। तब उन्होंने मुख्य फसल के साथ अंतरवर्तीय रूप से मिर्च एवं अन्य फसल की खेती करना प्रारम्भ किया। जिससे उनको वर्तमान में धान से दस गुना अधिक लाभ की प्राप्त हो रही है।