रायपुर/17 अप्रैल 2025। साय सरकार के द्वारा निगम मंडलों में नियुक्त पदाधिकारी के शपथ ग्रहण के राजनीतिक इवेंट पर कड़ा प्रतिवाद करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि मनोनीत पदों पर केवल पदभार ग्रहण होता है, संविधान में ऐसे शपथ के इवेंट का प्रावधान नहीं जैसा शपथ ग्रहण समारोह का गैर ज़रूरी आयोजन साय सरकार कर रही है, एक तरफ विगत सवा साल से हर माह औसत 3500 करोड़ कर्ज ले रही है, 25 जिलों में एनएचएम कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पा रही है, सरकारी अस्पतालों में दवा नहीं है, उपकरणों का मेंटेनेश तक बंद है, भुगतान के अभाव में विकास कार्य अवरुद्ध हैं ऐसे में राजकीयकोष का दुरुपयोग आर्थिक अपराध है, जनता के प्रति अन्याय है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि हजारों करोड़ो रू. किस मद से खर्च किए गए? इंडोर स्टेडियम, शहीद स्मारक, दीनदयाल उपाध्याय वातानुकूलित आडिटोरियम का किराया, भोजन, परिवहन व्यय, पूरे प्रदेश में व्यापक पैमाने पर बड़े-बड़े होर्डिंग पोस्टर का खर्च किम मद से उठाया गया? किस किस विभाग में इस प्रकार के इवेंट के लिए बजट स्वीकृत है? निगम, मंडल, आयोग का गठन संबंधित विभाग को सलाह और सुझाव के लिए किया जाता है, जिसका कार्य सरकार के संबंधित विभाग को अनुशंसा करने का होता है। संवैधानिक रूप से कोई भी निगम, मंडल, आयोग कोई भी आदेश सीधे तौर पर स्वतः जारी नहीं कर सकता, न ही पृथक से कोई वित्तीय अधिकार होते हैं। ऐसे में निगम मंडल आयोग के शपथ ग्रहण समारोह के नाम पर जनता के धन का दुरुपयोग गंभीर आर्थिक अपराध है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार में छत्तीसगढ़ का राजकीयकोष अनुचित तरीके से संघी भाजपाइयों का चेहरा चमकाने में फूंका जा रहा। सवा साल के इंतज़ार के बाद तीन दर्जन राजनैतिक नियुक्तियां हुई, अपने आकाओं की चाटुकारिता और प्रचार की भूख में नवनियुक्त पदाधिकारीयों में विज्ञापन और इवेंट की होड़ मची हुई है। प्रदेश को 55 हजार करोड़ से अधिक के नए कर्ज में लादकर यह सरकार गैर ज़रूरी खर्चों में राजकीय कोष लुटा रही है। साय सरकार बताए कि व्यक्तिगत प्रचार में हजारों करोड़ किस आधार पर फूंके गए? इस गंभीर आर्थिक अनियमितता और आर्थिक अपराध पर तत्काल कठोर कार्यवाही करे और सम्बन्धित से वसूली कर राजस्व क्षति की भरपाई करे सरकार।