हॉली क्रॉस नर्सिंग कॉलेज में छात्रा से जबरन धर्मांतरण का आरोप, प्रदर्शन में उमड़ेगा सनातन समाज
कुनकुरी, 9 अप्रैल 2025 : छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में स्थित हॉली क्रॉस नर्सिंग कॉलेज, कुनकुरी एक बार फिर धर्मांतरण के गंभीर आरोपों को लेकर सुर्खियों में है। कॉलेज की प्राचार्य विंसी जोसेफ पर हिंदू छात्रा को जबरन ईसाई धर्म अपनाने के लिए मानसिक प्रताड़ना देने और परीक्षा से वंचित करने के गंभीर आरोप लगे हैं।
इस मामले ने धार्मिक और सामाजिक मर्यादाओं की सीमाएं लांघ दी हैं, जिससे पूरे जिले में गहरा आक्रोश है। अब यह मुद्दा सिर्फ एक कॉलेज या छात्रा का नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति और धर्मनिष्ठ शिक्षा व्यवस्था की अस्मिता का प्रश्न बन चुका है।
बजरंग दल–विहिप की चेतावनी: धर्मांतरण बंद करो, वरना जनआक्रोश संभालना मुश्किल होगा!
बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने संयुक्त रूप से 10 अप्रैल को दोपहर 12 बजे विशाल आक्रोश रैली व धरना प्रदर्शन की घोषणा की है। यह रैली सलियाटोली नर्सरी से प्रारंभ होकर जय स्तंभ चौक तक पहुंचेगी, जहां मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नाम पर ज्ञापन सौंपा जाएगा।
बजरंग दल के जिला संयोजक विजय आदित्य सिंह जूदेव ने मीडिया को बताया,
“ये कोई अकेली घटना नहीं है, ये लगातार चल रही वैचारिक घुसपैठ का हिस्सा है। अब सनातन समाज चुप नहीं बैठेगा।”
प्रमुख मांगें जो सरकार के सामने रखी जाएंगी:
- प्राचार्य विंसी जोसेफ की तत्काल गिरफ्तारी
- हॉली क्रॉस नर्सिंग कॉलेज की मान्यता रद्द
- धर्मांतरण में लिप्त संस्थाओं की राज्य स्तरीय जांच
- पीड़ित छात्रा को पूर्ण सुरक्षा और न्याय
राजनीतिक परिप्रेक्ष्य: धर्मांतरण पर भाजपा की नज़रें, विपक्ष की रणनीति पर भी उठे सवाल
इस संवेदनशील मामले में तत्काल जांच के निर्देश जरूर दिए गए हैं, परंतु सवाल यह है कि क्या कार्रवाई ज़मीनी स्तर पर दिख रही है? क्या धार्मिक संस्थानों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है? क्या यह मामला लोकतंत्र की आड़ में धार्मिक आक्रांताओं की वापसी है?
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह मामला आगामी स्थानीय चुनावों से पूर्व भाजपा के “संस्कृति-संरक्षण” एजेंडे को फिर से धार देने का अवसर भी बन सकता है।
दिलीप सिंह जूदेव की प्रतिमा स्थल से उठेगी नई चेतना की लहर
आंदोलन का समापन कुनकुरी बाजारडांड़ स्थित धर्मरक्षक स्व. दिलीप सिंह जूदेव की प्रतिमा स्थल पर होगा—जहां से आज से दो दशक से भी अधिक पहले उन्होंने धर्मांतरण के खिलाफ देशभर में बिगुल फूंका था।
विजय आदित्य सिंह जूदेव ने स्पष्ट किया कि यह प्रदर्शन केवल विरोध नहीं, बल्कि नई चेतना और संगठित संकल्प का आगाज है। अगर अब भी आंखें मूंदी रहीं, तो कल हमारी पीढ़ियों की पहचान मिट जाएगी!
आचार्य राकेश की उपस्थिति देगी वैचारिक बल
धरना-प्रदर्शन में विशेष रूप से आचार्य राकेश का आगमन होगा, जिनकी उपस्थिति आंदोलन को वैचारिक गहराई और राष्ट्रधर्म का स्वर प्रदान करेगी।