थाना लुन्ड्रा पुलिस चौकी रघुनाथपुर में अपराध क्रमांक 33/25 धारा 332(क), 64(2)(ड) बी.एन.एस. के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध कर की गई विवेचना.
पुलिस चौकी रघुनाथपुर द्वारा मामले में कार्यवाही करते हुए आरोपी को किया गया गिरफ्तार.
महिला सम्बन्धी अपराधों में पुलिस टीम द्वारा की जा रही लगातार कार्यवाही.
अंबिकापुर : प्रकरण के संबंध में पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मामले का विवरण इस प्रकार हैं कि प्रार्थिया दिनांक 09 फरवरी 2025 को पुलिस चौकी रघुनाथपुर आकर लिखित रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि प्रार्थिया की जान पहचान 07 वर्ष पूर्व लमगाँव निवासी प्रवीण तिर्की से हुई थी, साथ में पढ़ने से आपसी बातचीत होती थी, माह अक्टूबर 2017 में प्रवीण प्रार्थिया को प्यार करने की बात बोलकर शादी करने का झांसा दिया था। घटना दिनांक 12 मार्च 2018 को प्रार्थिया घर पर अकेली थी, इसी दौरान प्रवीण तिर्की द्वारा प्रार्थिया को शादी करने एवं पत्नी बनाकर रखने का झांसा देते हुए जबरन दुष्कर्म की घटना कारित किया गया। इसके बाद अक्सर आरोपी प्रार्थिया के घर आकर एवं प्रार्थिया को ले जाकर प्रार्थिया से जबरन दुष्कर्म की घटना कारित करता था, अंतिम बार 30 जनवरी 2025 को जबरन दुष्कर्म की घटना कारित किया गया हैं और अब प्रार्थिया द्वारा शादी की बात बोलने पर आरोपी टाल मटोल कर इंकार कर रहा हैं। मामले में प्रार्थिया की रिपोर्ट पर थाना लुन्ड्रा/पुलिस चौकी रघुनाथपुर में अपराध क्रमांक 33/25 धारा रिपोर्ट पर धारा 332(क), 64(2)(ड) बी.एन.एस. के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
विवेचना के दौरान पुलिस टीम द्वारा पीड़िता का कथन लेख कर पीड़िता का डॉक्टरी मुलाहिजा कराया गया एवं मामले के आरोपी का पता तलाश किया जा रहा था। पता तलाश के दौरान पुलिस टीम के सतत प्रयास से आरोपी प्रवीण तिर्की को पकड़ कर पूछताछ किया गया। आरोपी द्वारा अपना नाम प्रवीण तिर्की उम्र 27 वर्ष साकिन लमगाँव पुलिस चौकी रघुनाथपुर थाना लुन्ड्रा का होना बताया गया, आरोपी से घटना के सम्बन्ध में पूछताछ किये जाने पर पीड़िता को शादी का झांसा देकर जबरन दुष्कर्म की घटना कारित करना स्वीकार किया गया। आरोपी के विरुद्ध अपराध सबूत पाये जाने से गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है।
इस प्रकरण की सम्पूर्ण मामले में चौकी प्रभारी रघुनाथपुर उपनिरीक्षक आर.एन.पटेल, प्रधान आरक्षक दीनानाथ भारती, प्रधान आरक्षक संजय नागेश, आरक्षक राकेश एक्का, आरक्षक बहादुर एक्का एवं आरक्षक मकरध्वज सक्रिय रहे हैं।