थाना गांधीनगर में अपराध क्रमांक 88/25 धारा 64(2) (एम), 296, 351(3), 115(2) बी.एन.एस. के तहत अपराध पंजीबद्ध कर की जा रही विवेचना.
थाना गांधीनगर पुलिस टीम द्वारा मामले में कार्यवाही करते हुए आरोपी को किया गया गिरफ्तार.
महिला सम्बन्धी अपराधों में पुलिस टीम द्वारा की जा रही लगातार कार्यवाही.
अंबिकापुर. 04 फरवरी 2025 : प्रकरण के संबंध में पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मामले का विवरण इस प्रकार हैं कि प्रार्थिया द्वारा दिनांक 02 फरवरी 2025 को थाना गांधीनगर आकर लिखित रिपोर्ट दर्ज कराया गया कि प्रार्थिया तीन साल पहले गोधनपुर थाना गांधीनगर में किराया का रूम लेकर मजदुरी का काम करती थी और उसी समय संजय राणा ठेकेदार का काम करता था, जिसके अंडर में प्रार्थिया भी काम करती आ रही थीं। वर्ष 2022 में गोधनपुर प्रार्थिया के किराये के रूम में आकर संजय राणा द्वारा प्रार्थिया को शादी का झांसा देकर जबरन दुष्कर्म की घटना कारित किया गया, तब से आरोपी पीड़िता कों शादी का झांसा देकर लगातार दुष्कर्म की घटना कारित करते आ रहा हैं। लेकिन अब पीड़िता से शादी करने से इंकार कर रहा हैं,शादी करने की बात बोलने पर पीड़िता को गाली-गलौज कर मारपीट करता हैं। मामले में थाना गांधीनगर में अपराध क्रमांक 88/25 धारा रिपोर्ट पर धारा 64(2) (एम), 296, 351(3), 115(2) बी.एन.एस. के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
विवेचना के दौरान पुलिस टीम द्वारा घटना-स्थल का निरीक्षण कर पीड़िता का डॉक्टरी मुलाहिजा कराया गया एवं मामले के आरोपी का पता तलाश किया जा रहा था। पता तलाश के दौरान पुलिस टीम के सतत प्रयास से आरोपी संजय राणा को पकड़ कर पूछताछ की गई, आरोपी द्वारा अपना नाम संजय राणा उम्र 35 वर्ष साकिन कपिलो थाना बिरनी जिला गिरिडीह झारखण्ड का होना बताया गया, आरोपी से घटना के सम्बन्ध में पूछताछ किये जाने पर पीड़िता को शादी का झांसा देकर जबरन दुष्कर्म की घटना कारित करना एवं पीड़िता द्वारा शादी करने की बात बोलने पर जान से मारने की धमकी देकर मारपीट की घटना कारित करना स्वीकार किया गया। आरोपी के विरुद्ध अपराध सबूत पाये जाने से गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया हैं।
इस प्रकरण की सम्पूर्ण कार्यवाही में थाना प्रभारी गांधीनगर निरीक्षक मोरध्वज देशमुख, उपनिरीक्षक रश्मि सिंह, महिला आरक्षक तेजेश्वरी राजवाड़े, आरक्षक ऋषभ सिंह, आरक्षक रामकेश्वर सिंह, आरक्षक अतुल सिंह, आरक्षक संजीव चौबे, आरक्षक सत्येंद्र दुबे सक्रिय रहे।