रायपुर, 04 फरवरी 2025: छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रशासनिक स्तर पर बड़ा बदलाव करते हुए अरुण देव गौतम को राज्य का नया पुलिस महानिदेशक (DGP) नियुक्त किया है। गृह (पुलिस) विभाग द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि अरुण देव गौतम अपने वर्तमान दायित्वों के साथ-साथ छत्तीसगढ़ पुलिस बल प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालेंगे। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है और आगामी निर्देशों तक वे इस पद पर कार्यरत रहेंगे।
आदेश की प्रमुख बातें
गृह (पुलिस) विभाग के विशेष सचिव अभिजीत सिंह द्वारा जारी आदेश में उल्लेख किया गया कि राज्य में कानून-व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से यह नियुक्ति की गई है। आदेश के तहत अरुण देव गौतम, जो वर्तमान में महानिरीक्षक (IG), नगर सेना एवं नागरिक सुरक्षा, नवा रायपुर के पद पर कार्यरत हैं, उन्हें अतिरिक्त रूप से पुलिस महानिदेशक के रूप में जिम्मेदारी दी गई है। यह आदेश नवा रायपुर स्थित महानदी भवन से जारी किया गया, जिसमें राज्य के विभिन्न उच्च पदस्थ अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई।
पदभार ग्रहण और प्राथमिकताएँ
आदेश जारी होते ही अरुण देव गौतम ने पदभार ग्रहण कर लिया है। पुलिस मुख्यालय में आयोजित बैठक में उन्होंने राज्य की सुरक्षा रणनीतियों और आगामी कानून व्यवस्था सुधारों पर चर्चा की। गौतम ने कहा कि उनकी प्राथमिकता अपराध नियंत्रण, साइबर सुरक्षा को मजबूत करना, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति बनाए रखना और पुलिस बल को अत्याधुनिक संसाधनों से सुसज्जित करना होगी। उन्होंने पुलिस विभाग के अधिकारियों को संगठित अपराधों पर सख्ती से कार्रवाई करने और राज्य की सुरक्षा नीति को अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश दिए।
कानून व्यवस्था पर विशेष ध्यान
छत्तीसगढ़ में आपराधिक गतिविधियों और साइबर अपराधों में हाल के वर्षों में वृद्धि देखी गई है। इसी को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने एक अनुभवी अधिकारी को पुलिस महानिदेशक की जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय लिया। गौतम के पास नागरिक सुरक्षा और कानून व्यवस्था का व्यापक अनुभव है, और उनसे उम्मीद की जा रही है कि वे आपराधिक गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण करेंगे। साथ ही, उनकी निगरानी में पुलिस विभाग में तकनीकी सुधार और आधुनिकीकरण को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
आगे की रणनीति
नए DGP अरुण देव गौतम ने यह स्पष्ट किया है कि छत्तीसगढ़ पुलिस को आधुनिक तकनीक और नई रणनीतियों के साथ और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा। वे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में अपराध नियंत्रण के लिए विशेष अभियान चलाने की योजना पर भी विचार कर रहे हैं। इसके अलावा, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की प्रभावशीलता बढ़ाने और पुलिस-जनता के बीच संवाद स्थापित करने के लिए भी नए कदम उठाए जा सकते हैं।
